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झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव : ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत ने की वोटरों से खास बात, जाना क्षेत्र का हाल - JHUNJHUNU GROUND ZERO REPORT

ईटीवी भारत ने जाना झुंझुनू विधानसभा के मतदाता का मिजाज. ग्राउंड जीरो पर वोटरों ने खुलकर रखी अपनी राय.

Jhunjhunu Assembly By Eelection
झुंझुनू विधानसभा के मतदाता का मिजाज (ETV BHARAT GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 10, 2024, 5:17 PM IST

झुंझुनू :आगामी 13 नवंबर को झुंझुनू में उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इस सीट पर चर्चित ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी के प्रत्याशी अमित ओला कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. वहीं, उनके सामने पिछली बार भाजपा के बागी रहे राजेंद्र भांबू सत्ता पक्ष की ओर से चुनौती पेश कर रहे हैं. इस बीच यहां मुकाबले को दिलचस्प बनाने के लिए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी बतौर निर्दलीय मैदान में कूद गए हैं. ऐसे में यहां अब त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है.

इधर, तीनों प्रत्याशियों के बीच झुंझुनू की जनता का मिजाज जानने के लिए ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा और वोटरों से बात की. इस दौरान देरमाला गांव के वोटर्स लगातार विकास कार्यों को लेकर इलाके की बेरुखी पर खफा नजर आए. वोटरों का कहना था कि वे अपने गांव की तस्वीर को बदलना चाहते हैं और इस बार सभी ने मतदान को लेकर अपना मानस बना लिया है.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत ने की वोटरों से खास बात (ETV BHARAT Jhunjhunu)

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विकास को लेकर वोटर की आशा :इस उपचुनाव में ईटीवी भारत की टीम ने जब झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा किया तो अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में विकास को लेकर अब तक हुए कामों पर नाराजगी देखने को मिली. वहीं, बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते ग्रामीण बदलाव की बात पर जोर देते नजर आए. इन ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना था कि 7 दशक में जो समस्याएं पहले थी, वो आज भी जस की तस बनी हुई हैं. ऐसे में कैसे मौजूदा जनप्रतिनिधियों पर भरोसा किया जाए. पानी, बिजली और सड़क के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की समस्याएं भी आम ग्रामीण की जुबान पर थी.

मैदान में ये भी हैं मुद्दे : झुंझुनू पुलिस रिजर्व लाइन के पास कोरोना से पहले निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. स्थानीय निवासी जगदीश प्रसाद का कहना था कि इस दौर में दो सरकारों का कार्यकाल उन्हें देखने को मिला, लेकिन पुलिया के काम को लेकर किसी का भी रुख साफ नहीं है. इसी तरह से यमुना जल समझौते को लेकर आज भी स्थिति स्पष्ट नहीं दिख रही है. वहीं, महिला वोटरों ने कहा कि परिवार और आसपास के लोगों से बातचीत के बाद ही वो निर्धारित करेंगी कि किसे वोट करना है.

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