जयपुर. भजनलाल सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश हो चुका है. वित्त मंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए 2 घंटे 51 मिनट लंबा भाषण दिया. अपने पहले बजट भाषण में दीया कुमारी ने युवाओं, महिलाओं व किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की. युवाओं को 4 लाख से ज्यादा नई नौकरी के साथ वन स्टेट वन इलेक्शन जैसी महत्वपूर्ण घोषणा भी सदन में हुई, लेकिन सदन के करीब तीन घण्टे की कार्यवाही में कई दिग्गजों ने सत्र में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिस तरह से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और कांग्रेस के नेताओं के बीच चुटकियां होती थी, वो इस बार सदन में दिखाई नहीं दी. इतना ही नहीं, सदन के सदस्य होने के बावजूद दोनों पूर्व सीएम की गैरमौजूदगी भी चर्चाओं में रही.
राठौड़ की कमी खली : वैसे तो इस बार विधानसभा में कई दिग्गज सदस्य नहीं है, फिर चाहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी हो या पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाब चंद कटारिया, या फिर उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, लेकिन सबके बीच सदन में जो सबसे ज्यादा कमी महसूस की गई, वो थी पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की. राठौड़ की कमी न केवल सत्ता पक्ष को खली बल्कि विपक्ष ने भी राठौड़ की कमी का जिक्र सदन तक में कर डाला. वित्त मंत्री दीया कुमारी ने जब भजनलाल सरकार का पूर्ण बजट पेश किया. इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि सदन में राजेन्द्र राठौड़ की कमी खल रही है, जिस पर सदन की दीर्घा में बैठे राठौड़ ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया. कुछ समय बाद ही विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि सदन की दीर्घा में असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी मौजूद हैं. बीते ढाई दशक तक सत्ता में काबिज रहे अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों ही भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट अभिभाषण में सदन में उपस्थित नहीं हुए. इसकी सदन में खासी चर्चा रही, जबकि दोनों पूर्व सीएम विधानसभा के सदस्य हैं.
किरोड़ी के नाम पर गहमा गहमी : कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का मुद्दा सदन में छाया रहा. विपक्ष लगातार सदन में किरोड़ी के नहीं होने का मुद्दा उठाता रहा. पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, विधायक श्रवण कुमार सहित विपक्ष के नेता बीच-बीच में कृषि मंत्री का मुद्दा उठाकर सरकार की चुटकी लेते रहे. वहीं, डोटासरा ने दीया कुमारी से कहा- मुख्यमंत्री ने आपके साथ खेला कर दिया है. इस दौरान पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के बीच तीखी तकरार भी हो गई. देवनानी को कहना पड़ा- बजट के बीच में इस तरह से व्यवधान पैदा करना मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा.