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डोटासरा बोले- सदन में सवाल-जवाब की नई व्यवस्था सराहनीय, सत्ता में बैठी भाजपा घबराकर कर रही विरोध - RAJASTHAN VIDHANSABHA

विधानसभा ने सवाल-जवाब के लिए पेपरलेस सिस्टम लागू किया. नई व्यवस्था के तहत हर सवाल का जवाब टैबलेट में आ जाता है.

विधानसभा ने सवाल-जवाब के लिए पेपरलेस सिस्टम लागू
विधानसभा ने सवाल-जवाब के लिए पेपरलेस सिस्टम लागू (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2025, 9:17 AM IST

जयपुर : राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने के लिए लगाए गए टैबलेट्स के जरिए सदन में पूछे गए हर सवाल का जवाब सभी विधायकों तक पहुंच रहा है. साथ ही, विधानसभा अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी ने एक नई व्यवस्था दी है कि सवाल का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए, ताकि पूरक प्रश्नों के जरिए ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा हो सके. इस नई व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा इस नई व्यवस्था का विरोध कर रही है. भाजपा नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे सदन में उठे. डोटासरा ने कहा कि "सदन में संसदीय मंत्री और अन्य मंत्रियों द्वारा इस व्यवस्था का विरोध करना समझ से परे है. क्या भाजपा सरकार नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे सदन में आएं, या इनका उद्देश्य सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करना है ?"

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पहले इस तरह मिलता था सवालों का जवाब :डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा कि "बेशक राजनीति हो, लेकिन उसमें प्रदेश की जनता का हित और समस्याओं का समाधान सभी दलों और सदस्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए." उन्होंने बताया कि विधानसभा की पूर्व व्यवस्था में प्रश्नकर्ता को नियत दिवस के तारांकित प्रश्नों के उत्तर देर रात मिलते थे. सभी प्रश्नों के उत्तर का एक सेट हां पक्ष और एक सेट ना पक्ष में पढ़ने के लिए सुबह 10:30 बजे रखा जाता था. अब हर सवाल का जवाब टैबलेट में मिल रहा है, जिससे सभी सदस्य सवालों के उत्तर पढ़कर पूरक प्रश्न पूछ सकते हैं.

लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर व्यवस्था : डोटासरा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में यह व्यवस्था लागू की गई है कि मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए, जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर सदन में चर्चा हो सके. यह सराहनीय पहल है, लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा इस व्यवस्था से घबराकर इसका विरोध कर रही है.

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