रायसेन।बढ़ती गर्मी का असर इंसानों के साथ अब तितलियों पर भी देखने को मिल रहा है. वर्ष 2018 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने मध्य प्रदेश के पहले तितली पार्क को रायसेन जिले के गोपालपुर गांव में बनाया था. इस पार्क में 54 प्रजातियों की तितलियां संरक्षित की गई हैं. तितलियों के जन्म लेने तथा प्रजनन बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करने वाले 137 तरह के पौधे लगाए गए. तितली पार्क के पास ही ट्रैकिंग ट्रैक बनाया गया, जिसके माध्यम से ऊपर चढ़कर प्राकृतिक दृश्य को निहारना मनोरंजक लगता है.
रायसेन जिले में पड़ रही है भीषण गर्मी
पार्क में ट्रैकिंग के साथ ओपन थियेटर, इंटरप्रिटेशन सेंटर और वॉच टॉवर बनाए गए हैं, जिससे कि यहां आने वाले पर्यटक प्रकृति के बीच रंग बिरंगी तितलियों की प्रजातियां को देखकर उनके संबंध में जानकारी भी हासिल कर सकें. खासकर इस तितली पार्क में स्कूली बच्चे और युवा आया करते थे पर अब इस पार्क में गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. रायसेन शहर में विगत कुछ दिनों से पड़ रही तेज गर्मी के कारण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
तितलियों की प्रजातियों पर विपरीत असर
पहले जहां पार्क में 800 से 900 पर्यटक प्रत्येक हफ्ते आया करते थे तो वहीं बढ़ती गर्मी के कारण यह संख्या घटकर में 400 -500 के लगभग रह गई है. जिसका सीधा असर आसपास रोजगार कर रहे दुकानदारों की आमदनी पर भी देखने को मिल रहा है. साथ ही वन विभाग के राजस्व में भी कमी हुई है. रायसेन में विगत कुछ दिनों से तापमान 41 से 43 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया है. जिसका असर तितलियों की प्रजातियां पर भी देखने को मिल रहा है. वर्तमान में तितली पार्क में लगभग 30 से 34 तरह की प्रजातियां तितलियों की देखने को मिल रही हैं.
अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास
वन मंडल अधिकारी विजय कुमार का कहना है "यह स्वाभाविक है कि गर्मी के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी होती है और तितलियों की भी संख्या में कमी आई है. तितलियों के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर और अक्टूबर होता है. जिस समय इनके प्रजनन और संख्या में वृद्धि होती है. तितलियों के लिए अनुकूलित वातावरण और टेंपरेचर को कंट्रोल करने के लिए जगह-जगह छायादार वृक्ष लगाए गए हैं ताकि जो माइक्रो क्लाइमेट तितलियों के लिए बना रहे. साथ ही एक स्पेसिफिक डोम बना हुआ है. डोम में तापमान को व्यवस्थित करने की व्यवस्था है."