रायपुर :छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में अब निर्णायक दौर का चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. हालांकि इसमें एक बड़ा अंतर भी है. बीजेपी जहां स्थानीय नेता के भरोसे ही चुनाव जीतने की योजना पर काम कर रही है. वहीं कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण के लिए पूरी ताकत लगती है. माना जा रहा है कि तीन दशक के बाद इस सीट से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार को बदला है तो इस बार जनता इस सीट पर बीजेपी को बदलेगी. इसी उम्मीद को लेकर के कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है.
बीजेपी को फिर से जीत का भरोसा : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी एक तरह से निश्चिंत होकर राजनीति कर रही है. छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक लोग इस बात को मन में बिठा लिया है कि ये सीट बीजेपी के ही खाते में आएगी. यही वजह है कि दिल्ली का कोई नेता अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं आया है. बात कांग्रेस की करें तो छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. बीजेपी की बात करें तो छत्तीसगढ़ प्रभारी बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन रायपुर दक्षिण के लिए चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ दौरे पर नहीं आए हैं. बीजेपी को इस बात का भरोसा है कि रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल के भरोसे ही वो जीत जाएगी. हालांकि इस बात को लेकर बृजमोहन अग्रवाल भी दावा कर चुके हैं कि रायपुर दक्षिण की सीट पर मैं ही चुनाव लड़ रहा हूं. मेरे बगैर रायपुर दक्षिण सीट का चुनाव सफल नहीं होगा. यही बात शायद बीजेपी के के भी चल रही है कि जब बृजमोहन अग्रवाल हैं तो की पक्की है.
कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारक: रायपुर दक्षिण विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी. स्टार प्रचारक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, चरणदास महंत, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव सहित राज्य के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण इस बार बदलाव करेगा. यही वजह है कि कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है.
क्या 2024 में 1985 जैसा रंग भरेगी कांग्रेस : रायपुर दक्षिण के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है. 1985 में रायपुर में 2 विधानसभा सीटें होती थी. दोनों पर कांग्रेस का कब्जा था. 1990 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और रायपुर टाउन की सीट जीतकर बीजेपी के खाते में डाली थी. 1985 के चुनाव में कांग्रेस रायपुर विधानसभा की सीट जीती थी. उसके बाद रायपुर में बृजमोहन अग्रवाल जिस सीट से लड़ रहे हैं. उस सीट पर कभी भी कांग्रेस जीत नहीं पाई. अब 2024 में बृजमोहन अग्रवाल रायपुर में विधानसभा की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. तो ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण एक बार फिर उनके पास आ सकता है. या यूं कह सकते हैं कि जिस रायपुर टाउन की सीट पर पहले कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था,वो एक बार फिर उपचुनाव में उनकी झोली में आ सकती है.
दोनों ही दल कर रहे जीत का दावा : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर के जीत का दावा कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों दल के नेता कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि हम लोगों ने युवा चेहरे को मैदान में उतारा है. हम यह तय मानकर चल रहे हैं कि रायपुर दक्षिण में हम मजबूत हैं.