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रायपुर दक्षिण उपचुनाव का रण, कांग्रेस और बीजेपी के अपने-अपने दावे

रायपुर दक्षिण उपचुनाव में बीजेपी कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.आईए जानते हैं वो कौन से समीकरण है जो चुनाव में हावी रहेंगे.

Raipur South by election
रायपुर दक्षिण उपचुनाव का रण (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 4 hours ago

रायपुर :छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में अब निर्णायक दौर का चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. हालांकि इसमें एक बड़ा अंतर भी है. बीजेपी जहां स्थानीय नेता के भरोसे ही चुनाव जीतने की योजना पर काम कर रही है. वहीं कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण के लिए पूरी ताकत लगती है. माना जा रहा है कि तीन दशक के बाद इस सीट से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार को बदला है तो इस बार जनता इस सीट पर बीजेपी को बदलेगी. इसी उम्मीद को लेकर के कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है.

बीजेपी को फिर से जीत का भरोसा : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी एक तरह से निश्चिंत होकर राजनीति कर रही है. छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक लोग इस बात को मन में बिठा लिया है कि ये सीट बीजेपी के ही खाते में आएगी. यही वजह है कि दिल्ली का कोई नेता अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं आया है. बात कांग्रेस की करें तो छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. बीजेपी की बात करें तो छत्तीसगढ़ प्रभारी बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन रायपुर दक्षिण के लिए चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ दौरे पर नहीं आए हैं. बीजेपी को इस बात का भरोसा है कि रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल के भरोसे ही वो जीत जाएगी. हालांकि इस बात को लेकर बृजमोहन अग्रवाल भी दावा कर चुके हैं कि रायपुर दक्षिण की सीट पर मैं ही चुनाव लड़ रहा हूं. मेरे बगैर रायपुर दक्षिण सीट का चुनाव सफल नहीं होगा. यही बात शायद बीजेपी के के भी चल रही है कि जब बृजमोहन अग्रवाल हैं तो की पक्की है.

कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारक: रायपुर दक्षिण विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी. स्टार प्रचारक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, चरणदास महंत, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव सहित राज्य के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण इस बार बदलाव करेगा. यही वजह है कि कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है.

क्या 2024 में 1985 जैसा रंग भरेगी कांग्रेस : रायपुर दक्षिण के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है. 1985 में रायपुर में 2 विधानसभा सीटें होती थी. दोनों पर कांग्रेस का कब्जा था. 1990 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और रायपुर टाउन की सीट जीतकर बीजेपी के खाते में डाली थी. 1985 के चुनाव में कांग्रेस रायपुर विधानसभा की सीट जीती थी. उसके बाद रायपुर में बृजमोहन अग्रवाल जिस सीट से लड़ रहे हैं. उस सीट पर कभी भी कांग्रेस जीत नहीं पाई. अब 2024 में बृजमोहन अग्रवाल रायपुर में विधानसभा की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. तो ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण एक बार फिर उनके पास आ सकता है. या यूं कह सकते हैं कि जिस रायपुर टाउन की सीट पर पहले कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था,वो एक बार फिर उपचुनाव में उनकी झोली में आ सकती है.

दोनों ही दल कर रहे जीत का दावा : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर के जीत का दावा कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों दल के नेता कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि हम लोगों ने युवा चेहरे को मैदान में उतारा है. हम यह तय मानकर चल रहे हैं कि रायपुर दक्षिण में हम मजबूत हैं.

हमारे बड़े नेता सचिन पायलट से लेकर के प्रदेश अध्यक्ष तक जनता के बीच हैं. हम जनता के बीच रहकर काम करने वाले लोग हैं. आकाश शर्मा भी उन्हीं युवाओं के साथ रायपुर दक्षिण की जनता की सेवा करने में लगे रहते हैं. यह हमारे लिए मजबूत पहलू है.जबकि बीजेपी निष्क्रिय है- धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस

वहीं रायपुर दक्षिण के लिए बीजेपी प्रवक्ता ने अपनी पार्टी की जीत पक्की बताई है.

ये बीजेपी की सीट है. यहां से हमारी जीत तय है. जब से रायपुर दक्षिण सीट बनी है बीजेपी ही जीतती है और आगे भी बीजेपी ही जीतेगी - अनुराग अग्रवाल, बीजेपी प्रवक्ता


बीजेपी के लिए जीत के आधार

  1. रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट बनने के बाद से आज तक यह सीट बीजेपी के कब्जे में है. यह बीजेपी का सबसे बड़ा वोट बैंक का आधार माना जा रहा है.
  2. बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी के कद्दावर नेता हैं. रायपुर दक्षिण सीट से कभी हारे नहीं है. यह भी एक वजह है कि बीजेपी यहां मजबूत है.
  3. व्यवसाय वर्ग पर बीजेपी की बड़ी पकड़ है क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल का दबदबा रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बहुत मजबूत है.
  4. राज्य में बृजमोहन अग्रवाल एक मजबूत चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं. यह भी एक वजह है कि बीजेपी मान कर चल रही है कि उनकी जीत पक्की है.
  5. नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस का दबदबा मजबूत है. लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस बीजेपी के मुकाबले विधानसभा चुनाव में कहीं टिक नहीं पाती .ये भी बीजेपी के पक्ष की बात है.
  6. बीजेपी उम्मीदवार सुनील सोनी रायपुर के सांसद रह चुके हैं. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से भी उन्हें लोकसभा चुनाव में बेहतरीन वोट मिले थे. ये भी बीजेपी के पक्ष में जाता है .
बीजेपी के लिए क्यों है राह आसान (ETV Bharat Chhattisgarh)


क्या है कांग्रेस के जीत के समीकरण

  1. रायपुर दक्षिण में सुनील सोनी के मुकाबले कांग्रेस ने आकाश शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. जो एक युवा चेहरा है. युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. ऐसे में युवाओं का साथ आकाश शर्मा को मिल सकता है.
  2. बृजमोहन अग्रवाल के चुनाव मैदान से हटने के बाद वोट बैंक बीजेपी का साथ छोड़ सकता है. यह भी कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है.
  3. रायपुर दक्षिण में कुल 19 वार्ड हैं. जिनमें से 11 वार्ड पर कांग्रेस का कब्जा है. माना जा रहा है कि वर्तमान समय में कांग्रेस रायपुर दक्षिण में बीजेपी से मजबूत स्थिति में है.
  4. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट उपचुनाव में कांग्रेस का सबसे बड़ा हथियार राज्य में विधि व्यवस्था का मुद्दा है लगातार कांग्रेस विधि व्यवस्था के मामले पर ही हमलावर है. राजधानी में लगातार हत्याएं हो रही हैं. सरकार फेल होने के आरोप हैं. जो रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है.
  5. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट में कांग्रेस की एकजुट अलग तरह से दिख रही है. यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस रायपुर दक्षिण पर जितना संगठित होकर चुनाव लड़ रही है वो पहले नहीं हुआ है.
कांग्रेस के जीत के समीकरण (ETV Bharat Chhattisgarh)
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