शहडोल। सोमवार को राहुल गांधी शहडोल जिले के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने शहडोल के बाणगंगा मेला मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसके बाद उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया और इसी वजह से राहुल को अचानक शहडोल में ही रात गुजारनी पड़ी. इसके बाद राहुल मंगलवार सुबह 5:00 बजे उमरिया जिले के लिए रवाना हो गए. शहडोल से उमरिया जाने के दौरान राहुल गांधी ने महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं को देखकर अपना काफिला रुकवा दिया. फिर वहां उतरकर उन महिलाओं से राहुल गांधी ने काफी देर तक बातचीत भी की. इसके बाद वह उमरिया जिले से हेलीकॉप्टर के जरिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बता दें की महुआ आदिवासी अंचल में महिलाओं का संकट मोचक माना जाता है क्योंकि महुआ की वजह से महिलाओं को आमदनी होती है.
महुआ के फूलों को देखकर राहुल ने रुकवाया अपना काफिला
राहुल गांधी जब सुबह-सुबह शहडोल जिले से होते हुए सड़क मार्ग के जरिए उमरिया जिले के लिए जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में महुआ के पेड़ पड़ते हैं और यह मौसम महुआ के फूल का है. सुबह-सुबह ही क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं महुआ के फूल बटोरने के लिए महुआ के पेड़ों के पास पहुंच जाती हैं. महुआ के फूल बटोरते लोगों को देखकर राहुल गांधी ने अचानक अपना काफिला रुकवा दिया और रास्ते में ही महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं से संवाद करने लगे.
महिलाओं से जानी महुआ की खासियत
इस दौरान राहुल गांधी ने उन महिलाओं से उनका हालचाल जाना. राहुल ने महिलाओं से महुआ की खासियत के बारे में जाना, महुआ से क्या-क्या व्यंजन तैयार किये जा सकते हैं. साथ ही महुआ से किस तरह से उनकी कमाई होती है और इसमें और क्या कुछ किया जा सकता है. इन सबके बारे में राहुल गांधी ने महिलाओं से जाना. इसके बाद वह उमरिया के लिए रवाना हो गए.
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