Sunflower Wheat Jau Masoor Gram MSP:मध्य प्रदेश के किसान लंबे समय से सोयाबीन पर एमएसपी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. जिसे लेकर वे प्रदर्शन भी कर रहे थे. हालांकि सरकार ने सोयाबीन पर तो नहीं लेकिन रबी की 6 फसलों पर एमएसपी बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को तोहफा दिया है. मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री बनने के बाद देश सहित मध्य प्रदेश के किसानों को कई लाभ दिए जा रहे हैं. वहीं रबी की 6 फसलों पर एमएसपी बढ़ने के साथ ही देश सहित मध्य प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है.
रबी की जिन 6 फसलों पर एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा है, इसमें गेहूं, चना, जौ, मसूर, कुसुम और सरसों-तिलहन की फसल शामिल है. सबसे अधिक समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी सरसों-तिलहन में 300 रुपये की हुई है. जबकि गेंहू का समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़कर 2425 रुपये हो गया है. इसकी मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी गई है. इससे पहले 14 जून को खरीफ की 14 फसलों के एमएसपी में बढ़ोत्तरी की गई थी.
रबी की फसलों में इतना बढ़ा एमएसपी
पहले गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल था. जिसे 2024-25 के लिए 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये किया गया है. इसके साथ ही जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. चने की एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5650 रुपये कर दी गई है. जबकि मसूर की एमएसपी पहले 6425 रुपये प्रति क्विंटल थी. इसमें 275 रुपये का इजाफा कर दिया गया है. अब मसूर का नया समर्थन मूल्य 6700 रुपये प्रति क्विंटल होगा. इसी तरह सरसों-तिलहन की पुरानी एमएसपी 5650 रुपए थी. सरकार ने इसमें 300 रुपए का इजाफा किया है. अब सरसों की नई एमएसपी 5950 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है. वहीं, कुसुम के समर्थन मूल्य में 140 रुपये की बढ़ोत्तरी कर 5940 रुपये कर दिया गया है.
अभी रबी और खरीफ की 23 फसलों को एमएसपी
सरकार अभी 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है. इसमें 7 प्रकार के अनाज जैसे धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ शामिल हैं. वहीं 5 प्रकार की दालें चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर की खरीदी भी एमएसपी के आधार पर होती है. जबकि 7 तिलहन रेपसीड-सरसो, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम का न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार तय करती है. वहीं 4 व्यावसायिक फसलें जैसे कपास, गन्ना, खोपरा और कच्चे जूट की खरीदी भी एमएसपी के आधार पर होती है. हालांकि गन्ने के लिए उचित परिश्रमिक मूल्य का पालन किया जाता है.