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दिल्ली जू में जानवरों व पक्षियों को देखने के साथ पेड़ पौधों के बारे में भी जान सकेंगे पर्यटक, जानें क्या है योजना - QR code installed on trees in zoo - QR CODE INSTALLED ON TREES IN ZOO

दिल्ली जू लगातार पर्यटकों की सुविधाओं को बेहतर बनाने में जुटा रहता है. इसी कड़ी में दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिससे पर्यटक पेड़ पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर पाएंगे.

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पेड़ पौधों पर लगेगा क्यूआर कोड (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 6:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में हजारों लोग जानवरों व पक्षियों को देखने के लिए आते हैं. दिल्ली जू में पर्यटक वनस्पति के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर सके, इसके लिए जुू प्रशासन की तरफ से सभी प्रजाति के पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है. जिससे लोग मोबाइल से स्कैन कर पेड़ पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी ऑडियो और वीडियो माध्यम से हासिल कर सकेंगे. इससे लोगों में प्रकृति के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और जू एक एजुकेशन सेंटर के रूप में काम करेगा. अधिकारियों के मुताबिक, अगले तीन महीने में ये व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

पेड़ पौधों पर लगेगा क्यूआर कोड (ETV Bharat)

दिल्ली के मथुरा रोड स्थित पुराने किले के पास नेशनल जूलॉजिकल पार्क 214 एकड़ में फैला है. इस जूलॉजिकल पार्क का डिजाइन सन 1959 में श्रीलंका के मेजर वाइनमेन व पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था. यह बहुत हराभरा पार्क है. यहां पर 200 से अधिक प्रकार के पेड़ पौधे हैं. साथ ही आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु और पक्षियां हैं. इन्हें देखने के लिए रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं. यह पार्क दर्शकों के लिए सुबह आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खुला रहता है.

पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड: नेशनल जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली जू में आने वाले लोग घूमने फिरने के साथ ज्ञान भी अर्जित कर सके इस दिशा में काम करना उनका लक्ष्य है. अभी लोग जनावरों को देखते और उनके बारे में जानकारी हासिल करते हैं. जू में जो भी पेड़ पौधे हैं. उन पर उनके नाम की प्लेट लगाई गई है, जिससे पर्यटक जान सके के पेड़ या पौधा किस चीज का है. उनका वैज्ञानिक नाम क्या है. अब इस जानकारी को और विस्तृत करने की योजना बनाई गई है, जिससे जू आने वाले लोग पेड़ पौधों के बारे में भी विस्तृत जानकारी हासिल कर सके. इसके लिए पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा.

जिस क्यूआर कोड को पर्यटक अपने मोबाइल से स्कैन करेंगे उस पेड़ या पौधे के बारे में विस्तृत जानकारी आडियो व वीडियो के माध्यम से मिलेगी. इसमें पर्यटकों को पेड़ का नाम व वैज्ञानिक नाम क्या है, क्या इसके कोई औषधीय गुण हैं. किस तरीके का फल होता है और कब फल आता है. पेड़ की लकड़ी का प्रयोग होता है या नहीं. आक्सीजन देता है या नहीं. पेड़ मूलतः कहां पाया जाता है. पर्यावरण में कितना महत्व है आदि के बारे में जानकारी मिलेगी. इससे पर्यटक न सिर्फ पेड़ पौधों के बारे में जान सकेंगे बल्कि वनस्पति व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी होंगे.

क्यूआर कोड लगाने की व्यवस्था:जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों से बात की गई है. हमारे पास ज़ू में जो भी पेड़ पोधे हैं, उनके बारे में इंट्रेस्टिंग तरीके से कैसे पर्यटकों को बताया जा सके इस पर काम करने के लिए बोला गया है. अगले तीन महीने में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी. साथ ही जानवरों व पक्षियों के बाड़े के पास भी एक क्यूआर कोड लगा रहेगा, जिसे स्कैन करने के बाद पर्यटक उस जानवर के बारे में भी विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे.

दिल्ली जू की विशेष बातेंः

  1. 214 एकड़ में बना दिल्ली जू बहुत ही हराभरा पार्क है.
  2. 84 से अधिक प्रजाति के पशु पक्षी जू में संरक्षित किए गए हैं.
  3. 200 से अधिक प्रकार के पेड़ पौधे नेशनल जूलॉजिकल पार्क में हैं.
  4. 17000 लोग एक दिन में दिल्ली जू घूमने के लिए आ सकते हैं.
  5. सिर्फ दिल्ली जू के वेबसाइट से ही टिकट बुकिंग की जा सकती है.

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