मंडी: हिमाचल प्रदेश में पिछले साल बरसात ने खूब तबाही मचाई थी. पिछले साल की बरसात ने मंडी शहर में भी जमकर कहर बरपाया था. ऐसे में इस साल की बरसात में इन जगहों पर दोबारा नुकसान न हो, प्रशासन इसकी कवायद में जुटा हुआ था. जिसके चलते मंडी शहर के विश्वकर्मा चौक के पास दरकती पहाड़ी को बरसात से बचाने का जिला प्रशासन का जुगाड़ काम कर गया. जिससे इस साल की बरसात से पहाड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
मंडी में पीडब्ल्यूडी के जुगाड़ ने बचाया बरसात से होने वाला नुकसान (ETV Bharat)
1 करोड़ की लागत से लगेगा डंगा
हालांकि बरसात खत्म होने के बााद अब इस पहाड़ी को पूरी तरह से सुरक्षा देने के लिए प्रशासन ने कवायत शुरू कर दी है. जिसके तहत इस स्थान पर 1 करोड़ 12 लाख की लागत से विशालकाय डंगा लगाया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से डीपीआर को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही लोक निर्माण विभाग यहां पर कार्य शुरू कर देगा. जिससे पहाड़ी के दरकने का सिलसिला रूक जाए और लोग भी बिना किसी चिंता के यहां पर आराम से रह सकें.
विश्वकर्मा चौक में दरकती पहाड़ी पर बिछाया विशालकाय तिरपाल (ETV Bharat)
PWD ने पहाड़ी पर बिछाया तिरपाल
बता दें कि बीती साल 2023 की प्रलयकारी बारिश के दौरान मंडी शहर के सबसे भीड़-भाड़ भरे इलाके विश्वकर्मा चौक में हुए इस लैंडस्लाइड में कुछ घर धराशाही हो गए थे. यहां पर अभी भी अधिकतर मकानों पर खतरा मंडरा रहा है और वे गिरने की कगार पर हैं. इस विश्वकर्मा मंदिर के पास की यह पहाड़ी के दरकने से यहां कुछ महीने सड़क भी पूरी तरह से अवरूद्ध हो गई गई थी. जिसके बाद इस साल की बरसात से पहले यहां पर प्रोटेक्शन के लिए कोई बजट प्राप्त नहीं हुआ तो लोक निर्माण विभाग ने जगह की सुरक्षा के लिए विशालकाय तिरपाल बिछा दिया था. हालांकि तिरपाल बिछाने को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसका मजाक भी बनाया था, लेकिन इस तिरपाल ने मौजूदा बरसात में कोई नुकसान नहीं होने दिया
पिछले साल की बरसात में हुआ था लैंडस्लाइड (ETV Bharat)
एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने बताया, "सरकार की तरफ से विश्वकर्मा मंदिर के पास बड़ा डंगा लगाने के लिए 1 करोड़ 12 लाख की डीपीआर को मंजूरी मिल गई है. जल्द ही यह पैसा विभाग के पास आ जाएगा और उसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू करके इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा. मौजूदा समय में विभाग द्वारा बिछाए गए तिरपाल से इस साल काफी प्रोटेक्शन मिली और यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है. अब डंगा लगाने के बाद इस स्थान को पूरी तरह से सुरक्षित कर दिया जाएगा."