सहारनपुर : सहारनपुर में PWD और नगर निगम पार्षदों के बीच हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. PWD की ओर से पार्षदों के खिलाफ कराए गए मुकदमे के 9 दिन बाद पार्षदों की तहरीर पर कार्रवाई की गई है. थाना जनकपुरी में अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र सिंह और 9 ठेकेदारों समेत 29 लोगों के खिलाफ SC-ST का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है, जिसमें अधिकारियों को छोड़ बाकी के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. हालांकि अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए शासन से मंजूरी ली जा रही है.
बता दें कि 29 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के कार्यलय में अधिशासी अभियंता धर्मेँद्र सिंह से मिलने नगर निगम के पार्षद पहुंचे थे. पार्षदों ने नाला निर्माण और मंदिर की दीवार टूटने की शिकायत करते हुए विरोध जताया था. पार्षदों का आरोप था कि ठेकेदार ने घटिया सामग्री से नाला निर्माण कराया. जिस कारण बरसात में नाला ढहा और सारा पानी वाल्मीकि बस्ती में भर गया. नाले के साथ वाल्मीकि मंदिर की दीवार भी ढह गई थी.
शिकायत के दौरान PWD के दफ्तर में दोनों पक्षों में विवाद हो गया. हालांकि बाद में अधिशासी अभियंता की ओर से दीवार बनवाने का आश्वासन दिए जाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पार्षदों के जाने के बाद एक्सईएन धर्मेँद्र सिंह ने गंभीर धाराओं में 43 पार्षदों पर मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद ओर बढ़ गया. पार्षदों ने PWD अधिकारीयों पर भ्रष्टाचार और ठेकेदारों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए. पार्षदों का कहना था कि अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र सिंह ने पार्षद के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बदसलूकी की है. शिकायत करने पहुंचे तो कार्यलय में सभी पार्षदों को बंधक बनाया गया. इतना ही नहीं, पुलिस बुलाकर सभी के साथ दुर्व्यवहार किया गया. जब दोनों पक्षों में सुलह हो गई तो साजिश कर अधिशासी अभियन्ता ने फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए.
भाजपा के 43 पार्षदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए तो महापौर डॉ. अजय सिंह को आगे आना पड़ा. महापौर ने एसएसपी से मिलकर पार्षदों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की लेकिन PWD राज्यमंत्री बृजेश सिंह के दबाव में मुकदमा नहीं लिखा गया. मामला इतना बढ़ गया कि लखनऊ से पार्टी संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा. संगठन के आदेश पर स्थानीय प्रतिनिधियों और मंत्री की बैठक हुई और सबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुदकमा दर्ज कराने का निर्णय लिया गया, जिसके बाद नगर निगम के वार्ड-13 के पार्षद पति नीरज कुमार की ओर से ठेकेदार नरेश त्यागी, हिमांशु कात्याल, धनपाल राणा, इरशाद, सुनित, विक्रांत त्यागी, संजय शर्मा, अमित त्यागी और राकेश राणा समेत 29 लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई.
हालांकि PWD राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह ने बैठक में दोनों पक्षों में समझौते का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी पार्षद लामबंद होकर ठेकेदार पर मुकदमा और अधिकारी पर कार्रवाई की मांग करने पर अड़े रहे. पार्षदों ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की बात कही थी. एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि पार्षद पति नीरज कुमार की तहरीर के आधार पर 9 ठेकेदारों और 20 PWD अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा है. बताया कि अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है.