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निर्वाचन के 3 साल बाद बनी मुखिया, इसे कहते हैं किस्मत पलटना, सेमरी देवी बनी 'बाजीगर'

कहते हैं किस्मत कब पलट जाए कहा नहीं जा सकता, बस कर्म करना चाहिए. जमुई की मुखिया प्रत्याशी सेमरी की किस्मत 3 साल बाद चमकी..है.

मुखिया पुष्पा देवी का निर्वाचन रद्द, सेमरी देवी विजयी
मुखिया पुष्पा देवी का निर्वाचन रद्द, सेमरी देवी विजयी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

जमुई: बिहार के जमुई में तीन साल की मुखिया पुष्पा देवी का निर्वाचन कोर्ट ने रद्द कर दिया है. उन्होंने शपथनामा में गलत ब्यौरा दिया था जिसके खिलाफ दूसरे नंबर की प्रत्याशी सेमरी देवी कोर्ट चली गईं. तीन की लंबी लड़ाई के बाद उन्हें सफलता मिली और कोर्ट ने सेमरी देवी को निर्वाचित घोषित करने का आदेश जारी किया. कोर्ट के फैसले से सेमरी देवी के समर्थकों में जश्न का माहौल है.

मुखिया पुष्पा देवी का निर्वाचन रद्द: जमुई न्यायालय के एक अहम फैसले ने सबको चौंका दिया है. दरअसल जमुई के खैरा प्रखंड के खड़ाईच पंचायत की मुखिया पुष्पा देवी तीन साल से अपने पंचायत की मुखिया थीं, लेकिन अब जमुई न्यायालय के अहम फैसले के बाद उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. 2021 में हुए मुखिया के चुनाव में खड़ाईच पंचायत से अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव हुआ था. इस चुनाव में पुष्पा देवी और समरी देवी के अलावा कई अन्य प्रत्याशी भी मैदान में थे. चुनाव परिणाम के बाद पुष्पा देवी को 1764 वोट प्राप्त हुए थे.

दूसरे नंबर की प्रत्याशी सेमरी देवी विजयी घोषित : वहीं समरी देवी को 1699 वोट प्राप्त हुए थे. चुनाव परिणाम के आधार पर पुष्पा देवी प्रथम स्थान पर रहीं और समरी देवी दूसरे स्थान पर रहीं, लेकिन मामले में तब नया मोड आया जब समरी देवी ने निर्वाचन के आदेश को चुनौती देते हुए जमुई सिविल कोर्ट के चुनाव प्राधिकरण अदालत में अपना मुकदमा दायर किया. समरी देवी ने आरोप लगाया कि पुष्पा देवी ने नामांकन दाखिल करते समय अपने ऊपर लंबित मुकदमों और मुकदमे में जमुई कोर्ट के द्वारा लिए गए संज्ञान को छुपाया था. समरी देवी ने यह भी आरोप लगाया था कि उम्मीदवार और उसके परिवार की संपत्ति का ब्योरा भी गलत पेश किया गया था.

तीन साल चला पुष्पा देवी का कार्यकाल : इस तरह चुनाव में शपथ पत्र में गलत जानकारी देने की शिकायत समरी देवी द्वारा न्यायालय में पेश किया गया. जिसके बाद लगभग तीन साल तक जमुई सिविल कोर्ट के चुनाव प्राधिकरण में यह मामला चला और अंततः दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट के चुनाव प्राधिकरण के मुंसिफ अनुभव रंजन ने पाया कि समरी देवी द्वारा लगाए गए आरोप सत्य है. जिसके बाद कोर्ट के अहम फैसले के बाद पुष्पा देवी का निर्वाचन रद्द करते हुए दूसरे स्थान पर रही समरी देवी को मुखिया निर्वाचित करने का आदेश पारित कर दिया.

जान लें किस नियम से हुआ चयन : कोर्ट के आदेश में यह कहा गया कि पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत संविधान के अनुच्छेद 19 (1) A में यह स्पष्ट वर्णन है कि स्थानीय लोकतांत्रिक चुनाव से लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक चुनाव में मतदाताओं को अपने उम्मीदवार के बारे में सारी जानकारी लेने का अधिकार है. ऐसे में बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 139 (क) (1) के तहत पुष्पा देवी के निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाता है.

निर्वाचन शून्य होने पर दूसरे उम्मीदवार के चयन का प्रावधान : धारा 140 के तहत यह भी कहा गया कि जब एक उम्मीदवार का निर्वाचन शून्य कर दिया जाता है तो अन्य उम्मीदवार को निर्वाचित करने का प्रावधान है. जिसके तहत दूसरे स्थान पर रही समरी देवी को निर्वाचित घोषित किया जाता है. न्यायालय के आदेश की कॉपी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए भेज दी गई है. जल्द ही कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रशासन सेमरी देवी को शपथ दिलवाएगा.

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