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दाल की कीमत जनता को कर रही बेहाल, डबल सेंचुरी के करीब पहुंचा अरहर, जानिए कब घटेंगी कीमतें - Arhar dal Price Hiked - ARHAR DAL PRICE HIKED

किसी जमाने में ये कहावत हुआ करती थी दाल रोटी खाईए प्रभु के गुण गाईए. ये कहावत इसलिए बनी थी कि क्योंकि गरीब जनता को पेट भरने के लिए भले ही पकवान ना मिले,लेकिन थोड़ी सी कमाई में दाल और रोटी तो जरुर मिल जाती थी. लेकिन आधुनिकता और बदलते वक्त ने दाल को गरीब की थाली से दूर कर दिया है. आज दाल की कीमती 200 के पार चली गई है. यानी आम आदमी की थाली में जो दाल शोभा बढ़ाया करती थी,वो भी नखरे दिखाने लगी है.

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दाल की कीमत जनता को कर रही बेहाल

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 13, 2024, 5:38 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 11:12 PM IST

रायपुर:दाल को प्रोटीन का सोर्स माना जाता है.आम जनता के लिए प्रोटीन की जरुरत दाल से ही पूरी होती है. लेकिन बाजार की बात करें तो दाल की कीमतें आसमान में तैर रही हैं.जिसकी परछाई गरीब जनता तक नहीं पहुंच रही.मध्यमवर्ग किसी तरह अपने राशन में कटौती करके दाल की जरुरत को पूरा कर रहा है.लेकिन गरीब जनता अब दाल को तरसने लगी है.अगर हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में दाल मध्यमवर्गीय परिवार की थाली से भी गायब हो जाएगा.

दाल का विकल्प क्या ?:आम आदमी ज्यादातर अरहर दाल का इस्तेमाल अपने खाने में करता है. जिसे कई जगह तुअर दाल के नाम से भी जाना जाता है.इसके बाद मसूर और मूंग की दाल का नंबर आता है.इन दिनों अरहर दाल की कीमत 125 से 185 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मार्केट में है. अरहर दाल की कीमत बढ़ने पर लोग मूंग और मसूर दाल का इस्तेमाल करने लगे हैं.जिनके दामों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है. मूंग की दाल जहां 115 से 130 रुपए में बिक रही है.वहीं मसूर की दाल की कीमत अधिकतम 90 रुपए प्रति किलो है. उड़द दाल 110 रुपए से 130 रुपये प्रति किलोग्राम बाजार में बिक रही है. वहीं चना दाल अधिकतम 80 रुपए प्रति किलो तक जा चुकी है.

दाल ने निकाला दम

क्यों बढ़ी दाल की कीमतें :पिछले एक सप्ताह के दौरान दाल की कीमतों की बात करें तो अरहर और चना दाल के दाम में प्रति किलोग्राम 10 रुपये की वृद्धि हुई है. इसके पीछे अनाज दुकानदारों का कहना है की दाल की डिमांड बढ़ गई है लेकिन आपूर्ति कमजोर होने के कारण दाल के दाम बढ़ने लगे हैं.

अनाज कारोबारी क्या कहते हैं

''चना दाल और अरहर दाल की डिमांड काफी ज्यादा हो रही है. लेकिन आपूर्ति कम हो रही है. इस वजह से भी दाल के दाम बढ़ गए हैं. दूसरे दालों में मूंग दाल उड़द दाल तिवरा दाल और मसूर की दाल में ज्यादा अंतर नहीं आया है. इन सभी दालों में प्रति किलोग्राम केवल 1 से 2 रुपए की वृद्धि हुई है."- प्रकाश अग्रवाल,अनाज कारोबारी

कहीं दाल से सरकार ना हो जाए बेहाल :आपको बता दें कि इन दिनों लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है.ऐसे में रोजमर्रा की चीजों का दाम बढ़ना किसी भी लिहाज से सरकार के लिए ठीक नहीं है. सरकार को भी इस बात की चिंता सता रही है कि यदि दाल के दाम इसी तरह से बढ़े तो इसका नुकसान उठाना होगा. इस लिहाज से उपभोक्ता मंत्रालय ने व्यापारियों को दलहनों का स्टॉक सरकारी पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है. सरकारी विभाग दलहन स्टॉक आकलन जांच भी समय-समय पर कर सकती है.

कब दाल की कीमतें होगी कम : एक्सपर्ट्स की माने तो भारत में सबसे ज्यादा दाल का उत्पादन दक्षिण राज्य में होता है.लेकिन इस बार खराब मौसम के कारण दाल का उत्पादन ज्यादा नहीं हो सका.इस लिहाज से जो दाल मार्केट में आनी थी नहीं आई. आगामी दिनों में जून की फसल जब दोबारा बाजार में आएगी तो निश्चित रुप से दाल की कीमतें घटेंगी.

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Last Updated : Apr 13, 2024, 11:12 PM IST

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