रायपुर:दाल को प्रोटीन का सोर्स माना जाता है.आम जनता के लिए प्रोटीन की जरुरत दाल से ही पूरी होती है. लेकिन बाजार की बात करें तो दाल की कीमतें आसमान में तैर रही हैं.जिसकी परछाई गरीब जनता तक नहीं पहुंच रही.मध्यमवर्ग किसी तरह अपने राशन में कटौती करके दाल की जरुरत को पूरा कर रहा है.लेकिन गरीब जनता अब दाल को तरसने लगी है.अगर हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में दाल मध्यमवर्गीय परिवार की थाली से भी गायब हो जाएगा.
दाल का विकल्प क्या ?:आम आदमी ज्यादातर अरहर दाल का इस्तेमाल अपने खाने में करता है. जिसे कई जगह तुअर दाल के नाम से भी जाना जाता है.इसके बाद मसूर और मूंग की दाल का नंबर आता है.इन दिनों अरहर दाल की कीमत 125 से 185 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मार्केट में है. अरहर दाल की कीमत बढ़ने पर लोग मूंग और मसूर दाल का इस्तेमाल करने लगे हैं.जिनके दामों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है. मूंग की दाल जहां 115 से 130 रुपए में बिक रही है.वहीं मसूर की दाल की कीमत अधिकतम 90 रुपए प्रति किलो है. उड़द दाल 110 रुपए से 130 रुपये प्रति किलोग्राम बाजार में बिक रही है. वहीं चना दाल अधिकतम 80 रुपए प्रति किलो तक जा चुकी है.
क्यों बढ़ी दाल की कीमतें :पिछले एक सप्ताह के दौरान दाल की कीमतों की बात करें तो अरहर और चना दाल के दाम में प्रति किलोग्राम 10 रुपये की वृद्धि हुई है. इसके पीछे अनाज दुकानदारों का कहना है की दाल की डिमांड बढ़ गई है लेकिन आपूर्ति कमजोर होने के कारण दाल के दाम बढ़ने लगे हैं.