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रावण की दहशत को मंच पर जीवंत कर देते हैं शाहबाज खान, इंटरव्यू में बताया क्यों पसंद है ये किरदार?

श्री धार्मिक लीला कमेटी की रामलीला में शाहबाज खान रावण की भूमिका निभा रहे हैं. ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की, पढ़िए क्या कहा उन्होंने?

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

शाहबाज खान से खास बातचीत
शाहबाज खान से खास बातचीत (ETV Bharat)

नई दिल्ली: राजधानी में रामलीला की धूम है. कहीं राम का किरदार सराहा जा रहा है तो कहीं हनुमान का...लेकिन सबसे ज्यादा अगर चर्चा है तो वो है रावण के रोल की. लालकिला मैदान स्थित माधवदास पार्क में श्री धार्मिक लीला कमेटी की ओर से कराई जा रही रामलीला में इस बार मशहूर अभिनेता शाहबाज खान रावण की भूमिका निभा रहे हैं. ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. आइए जानते हैं इस रोल को लेकर उन्होंने क्या कहा..

सवाल: आपने फिल्म, धारावाहिक समेत कई स्टेज शो में अभिनय किया है. इसके बाद भी क्या आपको रावण का किरदार निभाने में कुछ चुनौतियां आती हैं?

जवाब:देखिए, रावण का किरदार एक मुश्किल किरदार है. एक साल के अंतराल के बाद रावण के रूप उसके भाव को ज़ेहन में उतरना हमेशा चलैंजिंग रहता है. रामायण में रावण एक निगेटिव कैरेक्टर. साथ ही इस रोल को आकर्षक बनाना भी बेहद जरूरी होता है, ताकि दर्शकों की रामलीला देखने में आनंद आए. इसलिए मेहनत भी हर बार उतनी ही लगती है. रामलीला का मंचन कर रहे अन्य कलाकारों का रोल अपने आप ही आकर्षक होता है. इसमें सबसे ज्यादा शानदार होता है हनुमान जी का रोल, जिसको विंदु दारा सिंह बखूबी निभा रहे हैं. मंचन कर रहे हर कलाकार का यही प्रयास होता है वह दर्शकों को खुश कर पाएं.

सवाल: आप रावण का किरदार निभा रहे हैं. इसके चलते समाज या परिवार लोगों की कैसी प्रतिक्रिया होती है?

जवाब: कुछ खास प्रतिक्रिया तो नहीं आती, बस रावण के रूप में देख कर लड़कियां भाग जाती हैं. इसके बाद भी लोगों का प्यार और स्नेह भी खूब मिलता है. सभी कोशिश करते हैं जब मैं रावण के रूप में तैयार हो जाऊं एक फोटो मेरे साथ ले सकें. यह देखकर अच्छा लगता है.

रावण का किरदार निभा रहे हैं शाहबाज खान (ETV Bharat)

सवाल: आप बॉलीवुड के धुरंधर अभिनेता हैं, इसके बाद भी रामलीला का मंचन करने में रूचि कैसे आई?

जवाब: मैं धुरंधर कलाकर नहीं सिर्फ कलाकार हूं. मैं ही नहीं हर आर्टिस्ट यही बोलेगा कि वह केवल एक कलाकर है. जहां तक बात आती है रामलीला में मंचन करने की तो केवल भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जहां शाहबाज खान रामायण में भी रोल कर सकता है और विन्दु दारा सिंह किसी मुस्लिम सोशल का हिस्सा हो सकते हैं. यह विविधता और खूबी भारत के अलावा किसी और देश में संभव नहीं हो सकती है. मुझे इस बात का गर्व है कि रामलीला के मंचन के माध्यम से अपने देश की संस्कृति को आगे बढ़ा पा रहा हूं.

सवाल: रावण का किरदार निभाने वालों की बॉडी लंबी-चौड़ी होनी चाहिए. क्या आप इस रोल के लिए डाइट में कुछ बदलाव लाते हैं, ताकि कुछ वजन बढ़े?

जवाब: नहीं, मेरा वजन पहले से ठीक ठाक है. मैं मोटा तो नहीं हूं, लेकिन तंदुरुस्त जरूर हूं. रावण के रोल में फिट हो जाता हूं, जिम तो नॉर्मल लाइफ में भी करते हैं. रोल करना होता है, तो थोड़ा ज्यादा एक्सरसाइज कर लेते हैं.

रामलीला मंचन के दौरान शहबाज खान (ETV Bharat)

सवाल: पिछले वर्ष भी आपने श्री धार्मिक लीला कमेटी में रावण का किरदार निभाया था. इस बार दोबारा मौका मिला, कैसा अनुभव रहा?

जवाब:जी हां, मैंने पिछले वर्ष भी इसी रामलीला में रावण का रोल किया था और इस बार भी मुझे यह रोल करने का अवसर मिला. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे श्री धार्मिक रामलीला ने दोबारा यह अवसर दिया. इस कमेटी के लोग कलाकारों को अपनी हथेली पर रखते हैं. रामलीला मंचन भी काफी अच्छा होता है. मैं कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता का आदरपूर्वक सम्मान करता हूं. वो जिस तरह से लीला का मंचन करवाते हैं, वह सच में काबिले तारीफ है. साथ ही कमेटी के चेयरमैन सुरेश गोयल एवं सचिव प्रदीप शरण, कमेटी के प्रवक्ता रवि जैन सभी काफी मेहनत करते हैं. इस कमेटी के साथ काम कर के आनंद आता है.

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