बेतिया: एक तरफ देश में केंद्रीय सड़क और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी बेहतरीन सड़क व्यवस्था की बात कहते हैं. बेहतर रोड सर्विस देने के लिए एक्सप्रेस वे बनाने जा रहे हैं. इसके उलट बेतिया से ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सारे वादे दावों को झूठा कर दिया. यहां सड़कों में गड्ढे है जिन्होंने तालाब का रूप ले लिया है. हालात ये है कि बेतिया जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र यही रास्ता है. ऐसा लगता है सड़क की हालत देखकर भी 'जिम्मेदारों' को शर्म भी नहीं आती.
बेतिया में ग्रामीणों ने किया सड़क जाम: दरअसल, मैनाटांड विधानसभा क्षेत्र की ये सड़क लगभग 5 किलोमीटर जर्जर हालत में है. बेतिया जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र यही रास्ता है. इस रोड की हालत इतनी खराब है कि सिकटा-मैनाटांड वासियों को बेतिया जाने के लिए काफी परेशानी होती है. मजबूरी में अब यहां के लोग इसी गड्डों से भरी सड़क होते हुए बेतिया आना-जाना कर रहे हैं. सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीण सड़क जामकर बैनर पोस्टर लेकर सड़क पर नारे लगा रहे हैं.
जनप्रतिनिधियों को चेतावनी:आलम यह है लक्ष्मीपुर से गौरीपुर बाजार जाने वाली मुख्य सड़क है. ग्रामीण इस सड़क की बदहाली को देखकर थक हार चुके हैं. बुधवार यहां के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सड़क पर बैनर पोस्टर लेकर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारे लगाने के लिए मजबूर हैं. जनप्रतिनिधियों को व जिला प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अगर सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो हम इस बार वोट बहिष्कार करने की धमकी दी.
"मर्जदवा गांव चौक से लक्ष्मीपुर, गौरीपुर बजार होते हुए माझर पुल तक लगभग 5 किलोमीटर तक सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. सड़क में सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं. बरसात के समय यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाता है. इस सड़क की समस्या को लेकर संसद से लेकर विधायक तक को पत्र लिखा है. उसके बावजूद भी कोई जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं."- ग्रामीण