देहरादूनःउत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) प्रबंधन की चेतावनी उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन को रोक पाने में नाकामयाब रही. प्रबंधन ने इंजीनियर्स को एस्मा लगे होने का डर भी दिखाया और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. लेकिन बावजूद इसके UPCL मुख्यालय पर बड़ी संख्या में इंजीनियर्स एक दिवसीय सत्याग्रह कार्यक्रम के लिए एकत्रित हुए और प्रबंधन के सामने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को रखा.
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड में पिछले करीब एक दशक से सहायक अभियंताओं की सीनियरिटी का मामला उलझा हुआ है. खास बात यह है कि हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट ने इस पर अपना अंतिम निर्णय दे दिया. लेकिन निगम प्रबंधन ने क्लेरिफिकेशन एप्लीकेशन लगाकर एक बार फिर इस मामले को कानूनी दांव पेंच में फंसा दिया. अब प्रबंधन के इस कदम के खिलाफ उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन विरोध में आ गई है.
एसोशिएशन ने प्रबंधन द्वारा हाईकोर्ट में क्लेरिफिकेशन एप्लीकेशन लगाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए शनिवार को एक दिवसीय सत्याग्रह कार्यक्रम आयोजित किया. यह सब तब हुआ जब पहले ही जूनियर इंजीनियर संगठन के प्रदर्शन करने की सूचना पर यूपीसीएल प्रबंधन ने अपना तल्ख रवैया जाहिर कर दिया था. यूपीसीएल प्रबंधन में उप मुख्य कार्मिक अधिकारी ने बाकायदा एक पत्र जारी करते हुए अधिकारियों को संगठन से जुड़े इंजीनियर्स को सत्याग्रह के लिए अवकाश नहीं देने तक के निर्देश दिए ताकि यह प्रदर्शन फेल हो जाए. इतना ही नहीं, प्रबंधन ने विरोध प्रदर्शन होने पर सत्याग्रह में प्रतिभाग करने वाले इंजीनियर्स और नियंत्रक अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई तक की चेतावनी दे दी. इतना ही नहीं, ऊर्जा विभाग में कर्मचारियों की हड़ताल पर 6 महीने तक के लिए एस्मा लगे होने की जानकारी देकर इन्हें रोकने की भी कोशिश की गई. लेकिन यह सभी प्रयास असफल साबित हुए.