गोड्डाः भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सह बुनकर सेवा केंद्र द्वारा गोड्डा कॉलेज में हस्तकरघा विकास, स्थानीय और विश्व बाजार में बढ़ावा देने को लेकर मंथन किया जा रहा है. इसी कड़ी में वस्त्र मंत्रालय द्वारा बुनकरों को बुनाई, रंगाई, छपाई और अन्य आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया गया. हथकरघा के बुनकरों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करना एवं रोजगार उपलब्ध सहायता देना है.
भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के रांची केंद्र के बुनकर सेवा केंद्र के सहायक निदेशक सुरेश खंडारे ने बताया कि बुनकरों को समर्थ बनाने, उनके कौशल उन्नयन करने एवं डिजाइन विकसित करने तकनीकों को बढ़ाने के अवसर पैदा किया जा रहे हैं. केंद्र सरकार बुनकर बैकग्राउंड से जुड़े विद्यार्थियों को डिजाइन बनाना, प्रिंटिंग करना एवं नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताना आदि विकसित करना चाहती है. भारत सरकार से युवा बुनकर एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में सहायता लेकर आगे बढ़ सकते हैं. इन सभी चीजों पर भारत सरकार का मंत्रालय ध्यान दे रहा है.
सुरेश खंडारे ने बताया कि हथकरघा के उत्थान के लिए भारत सरकार कई तरह की प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और सेमिनार का आयोजन करती है. वैसे छात्र जो टेक्सटाइल में डिप्लोमा हैं या इंजीनियरिंग किए हुए हैं उन्हें इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराना, निर्यातक बनाना आदि हमारे उद्देश्य हैं. भारत सरकार द्वारा कई स्थान पर नियमित पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं. जिसमें 4 महीने का अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाता है. हथकरघा प्रशिक्षित लोगों के लिए दिल्ली हाट,सूरजकुंड मेला,कई महोत्सव, कई मेले आदि में भेजने की व्यवस्था की जाती है.