रांची: अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने आवासीय विद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र को व्यवस्थित करने की कवायद शुरू कर दी है. विभागीय मंत्री चमरा लिंडा ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकन और विद्यार्थियों के अध्ययन से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. उन्होंने आदिवासी कल्याण आयुक्त को निर्देश दिया है कि 1 मई 2025 से राज्य के कुल 59 एकलव्य मॉडल विद्यालयों में वर्ग 6 से 8 तक के जनजातीय बच्चों का नामांकन कार्य पूर्ण करते हुए पढ़ाई का काम सुनिश्चित कराएं.
शिक्षा कैलेंडर से जुड़ी खास बातें
- 1, 8 और 15 फरवरी 2025 - विज्ञापन प्रकाशन
- 5 से 28 फरवरी 2025 - EMRS नामांकन फॉर्म भरा जाएगा
- 9 मार्च 2025 - प्रवेश परीक्षा
- 28 से 25 मार्च 2025 - परीक्षा फल प्रकाशन
- एक से 10 अप्रैल 2025 - काउंसलिंग
- 10 से 20 अप्रैल 2025 - नामांकन प्रक्रिया पूर्ण
- 25 अप्रैल 2025 - सभी विद्यार्थियों का स्कूल में प्रवेश
मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि पूर्व में राज्य के भीतर सिर्फ 7 एकलव्य मॉडल विद्यालय ही संचालित थे. लिमिटेड सीट होने की वजह से हजारों की संख्या में जनजातीय वर्ग के बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते थे. इसको ध्यान में रखते हुए मंत्री चमरा लिंडा ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी एकलव्य मॉडल और आश्रम विद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर संचालित किया जाना सुनिश्चित करें. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाना सरकार का लक्ष्य है.
गृह जिला के एकलव्य स्कूल में आने का मिलेगा विकल्प
मंत्री चमरा लिंडा ने कहा है कि कक्षा 9 और कक्षा 10 को छोड़कर पूर्व में नामांकित वैसे सभी छात्र छात्राएं जो अपने गृह जिला से दूर के विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, उनको गृह जिला के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में ट्रांसफर लेने का विकल्प मिलना चाहिए. विकल्प हासिल करने के लिए 15 से 25 फरवरी तक का समय दिया गया है. साथ ही विकल्प के आधार पर उत्पन्न होने वाली रिक्तियों का समायोजन कक्षावार अप्रैल, 2025 के लिए नामांकन के क्रम में पूरा किया जाएगा.
विभागीय मंत्री ने दिए कई अहम निर्देश
- शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नामांकन की प्रक्रिया की पूर्ण जिम्मेदारी सभी प्रमंडलीय उप-निदेशक, कल्याण, झारखंड की होगी.
- चयन प्रक्रिया में प्रखंड और जिला के छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता मिलेगी। सीट फुल होने पर निकटवर्ती जिलों में जगह दी जाएगी.
- जिन जिलों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय नहीं है वहां के चयनित छात्र-छात्रा को नजदीकी जिला के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में नामांकन में प्राथमिकता दी जाएगी.
- सभी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं जल्द से जल्द सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
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