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केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू, गर्भगृह में विराजमान हुई पंचमुखी डोली

बाबा केदार की पंचमुखी डोली को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है. कल मूर्ति को शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी.

KEDARNATH TEMPLE
मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुई बाबा केदार की पंचमुखी डोली (PHOTO- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 2, 2024, 3:11 PM IST

Updated : Nov 2, 2024, 3:32 PM IST

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर रविवार को भैयादूज के पर्व पर प्रातः आठ बजकर तीस मिनट पर शीतकाल के छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इस दौरान बाबा केदार छह माह के लिए समाधि में लीन हो जाएंगे. कपाट बंद होने की पूरी तैयारियां केदारनाथ में की जा रही हैं. आज शनिवार बाबा केदार की चांदी की पंचमुखी डोली केदारनाथ के भंडारण गृह से मंदिर के गर्भगृह में विराजमान की गई. इसी डोली में बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी.

16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन: भैयादूज के पावन पर्व पर पौराणिक परंपराओं और विधि-विधान के तहत बाबा केदार के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद आगामी छह माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी. केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा के बावजूद भी इस बार केदारनाथ धाम की यात्रा ऐतिहासिक रही है. अब तक 16 लाख 15 हजार से अधिक भक्त बाबा केदार के दरबार में पहुंच गए हैं. इस बार ज्यादातर मौसम खराब रहा, बावजूद इसके श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. बरसात के समय में भी हजारों की संख्या में भक्त केदारनाथ पहुंचे.

मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुई बाबा केदार की पंचमुखी डोली (VIDEO - ETV Bharat)

6 माह के लिए ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ विराजमान होंगे बाबा केदार: केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट हर वर्ष शीतकाल के लिए भैयादूज पर्व पर बंद किए जाते हैं, जिसके बाद डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी और यहीं पर भगवान शंकर की छह माह शीतकालीन पूजा-अर्चनाएं संपन्न होंगी. उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद से पूर्व चाह पहर की पूजा की जाती है. भगवान विश्व को विभूति समाधि देकर छह माह के लिए कपाट बंद किए जाते हैं और पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करती है. उन्होंने बताया कि जो भक्त किसी कारणवश केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पाते हैं, वे ओंकारेश्वर मंदिर में आकर भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना कर सकते हैं.

आपदा ने पैदा की कुछ दिक्कतें: केदारसभा के महामंत्री अंकित सेमवाल एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने बताया कि इस बार यात्रा में विकट परिस्थितियां देखने को मिली. 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग में आई आपदा के कारण जनहानि के साथ तीर्थ यात्रियों को दिक्कतें भी हुई. लेकिन तेजी के साथ रेस्क्यू होने से तीर्थ यात्रियों को राहत भी मिली. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने में सरकार और प्रशासन सफल रहा है.

जयपुर राजस्थान से आए अश्विमी शर्मा एवं मुजफ्फरनगर से आए संदीप कुमार जैन ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग से लेकर धाम तक अच्छी व्यवस्थाएं मिली हैं. बाबा केदार के अच्छे से दर्शन हुए हैं. इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन का आभार जताया.

गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने किए बाबा केदार के दर्शन:केदारनाथ के कपाट बंद होने से एक दिन पूर्व गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी सपरिवार बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे. उन्होंने बाबा केदार का आशीर्वाद लिया और देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की. इस अवसर पर उन्होंने तीर्थ पुरोहितों एवं मंदिर समिति के अधिकारी एवं कर्मचारियों से मुलाकात की. साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि हिमालय में विराजमान बाबा केदारनाथ के दर्शन से मन को अपार शांति की अनुभूति महसूस हुई है. इस दौरान बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने उनका स्वागत कर बाबा केदार का प्रसाद भेंट किया.

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Last Updated : Nov 2, 2024, 3:32 PM IST

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