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पंजाब से आ रहे दूषित पानी से राजस्थान के दर्जनभर जिलों पर संकट, लुधियाना में जन आंदोलन की तैयारी - water crisis due to polluted water

लुधियाना से निकलने वाले बुड्ढा नाले की वजह से सतलुज नदी कई वर्षों से प्रदूषण का सामना कर रही है. नदी का पानी पंजाब और राजस्थान में पेयजल के लिए सप्लाई होता है. ऐसे में अब लुधियाना में 24 अगस्त को पंजाब और राजस्थान के सैकड़ों लोग रोष मार्च निकालकर विरोध जताएंगे. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

WATER CRISIS DUE TO POLLUTED WATER
लुधियाना में जन आंदोलन की तैयारी (Photo : ETV Bharat)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 23, 2024, 3:36 PM IST

श्रीगंगानगर. पंजाब से आने वाला जहरीला कैमिकल युक्त पानी एक गंभीर समस्या बन चुका है. इस दूषित पानी से राजस्थान के एक दर्जन से अधिक जिले प्रभावित हो रहे हैं, जबकि पंजाब के कई जिले भी इस संकट से जूझ रहे हैं. इस समस्या के समाधान के लिए शनिवार को पंजाब के लुधियाना में एक बड़ा रोष मार्च आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेंगे.

लुधियाना में होगा रोष मार्च : पंजाब की नहरों से आ रहे जहरीले और प्रदूषित पानी की समस्या का स्थायी समाधान कराने के लिए 24 अगस्त को लुधियाना में एक बड़ा रोष मार्च आयोजित किया जाएगा. श्रीगंगानगर में इस मुद्दे पर सक्रिय 'दूषित जल असुरक्षित कल समिति' के अध्यक्ष महेश पेड़ीवाल ने बताया कि इस मार्च में राजस्थान और पंजाब के कई जिलों के लोग हिस्सा लेंगे. इसके अलावा, पंजाब के कई नामी कलाकार भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. समिति के प्रवक्ता रमजान अली चोपदार ने बताया कि इस आंदोलन के लिए झंडे और पोस्टर का विमोचन भी हो चुका है और जनसम्पर्क तेज कर दिया गया है.

बुड्ढा नाला कर रहा है सतलुज नदी को प्रदूषित : सतलुज नदी, जो पंजाब और राजस्थान की जीवनरेखा है, अब गंभीर प्रदूषण का सामना कर रही है. इस प्रदूषण का मुख्य स्रोत पंजाब का बुड्ढा नाला है, जो लुधियाना शहर से होकर गुजरता है. रमजान अली चोपदार ने बताया कि लुधियाना की हजारों इलेक्ट्रोप्लेटिंग और रंगाई फैक्ट्रियों का औद्योगिक कचरा इस नाले में गिराया जाता है, जो अंततः सतलुज नदी में जाकर मिलता है. यह नाला हर दिन लगभग 200 मिलियन लीटर वेस्टेज और रसायन सतलुज नदी में प्रवाहित करता है, जिससे नदी का पानी जहरीला हो गया है.

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'कैंसर ट्रेन' के नाम से जानी जाती है एक ट्रेन :यह समस्या सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है. सतलुज नदी से पंजाब के बड़े हिस्से में भी पानी की आपूर्ति होती है, और वहां के लोग भी इस दूषित पानी से प्रभावित हो रहे हैं. दूषित जल के कारण पंजाब में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चलते भटिंडा से बीकानेर जाने वाली ट्रेन को 'कैंसर ट्रेन' के नाम से जाना जाने लगा है, क्योंकि इसमें अधिकतर कैंसर मरीज ही सफर करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस समस्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया था.

इलाज से ज्यादा जरूरी है स्थायी समाधान : टांटिया यूनिवर्सिटी के वाईस चेयरमैन डॉ. मोहित टांटिया ने कहा कि औद्योगिक अपशिष्ट के स्तर के कारण पानी को फिल्टर करने के बावजूद उसमें अशुद्धियां बची रह जाती हैं, जो स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही हैं. उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर में कैंसर उपचार के लिए एक विंग खोला गया है और दो निजी प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं, लेकिन अगर बीमारी के इलाज के बजाय रोकथाम पर ध्यान दिया जाए, तो इसका असर अधिक प्रभावी होगा.

जल संसाधन विभाग का पक्ष :जल संसाधन विभाग और पीएचईडी के अधिकारियों का कहना है कि पानी की नियमित जांच की जाती है. सिंचाई और पीने के पानी के नमूने लेकर परीक्षण होते हैं, और पानी को फिल्टर करने के बाद ही सप्लाई किया जाता है. बावजूद इसके, पानी की गुणवत्ता और दूषित जल से बचाव के स्थायी समाधान की मांग तेज होती जा रही है.

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