अमेठी :कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी में गुरुवार को कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. भाषण के दौरान उन्होंने अपने पिता स्व. राजीव गांधी के समय की अमेठी, उनकी यात्राएं, उनकी शहादत से जुड़ी यादों को साझा किया. इस दौरान वह भावुक भी हो गईं. पारिवारिक रिश्ते की दुहाई देते हुए अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने की बात कही.
कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. कहा कि जब हम छोटे थे तो अपने पिताजी के साथ अमेठी आते थे. अमेठी में उन्हें काम करते देखा है. उन्होंने कहा कि अमेठी मेरा वो परिवार है जिसके साथ भावनात्मक रिश्ता है. यह रिश्ता कभी नहीं टूटेगा. कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, आपने पहले भी कठिन परिस्थितियों में चुनाव जीता है. पूरा जोर लगाइए और जीत कर दिखाइए. मैं यहां आई हूं, आपके साथ मिलकर लडूंगी और यह चुनाव जीतकर दिखाऊंगी.
उन्होंने कहा कि अगर मैं अपने जीवन में किसी इंसान की पूजा करती हूं तो वो है मेरे पिताजी. उन्होंने कहा की मैं जब छोटी थी तो राजीव गांधी के साथ पहली बार जब मैं अमेठी आई तो शायद मैं 10 साल की थी. मुझे याद है मैं चुपचाप से उनके पीछे बैठी थी. वह जीप चलाते थे. मैं देखती थी कि पिताजी क्या कर रहे हैं, किस तरह से लोगों से मिल रहे हैं.
एक नेता और जनता के बीच में कैसा रिश्ता होना चाहिए, इसकी सीख मुझे अपने पिताजी से मिली. आप सब जानते हैं मेरे पिताजी एक बहुत नेक इंसान थे. दिल बहुत साफ था. ईमानदार थे. पहली बार जब मैं 20-25 दिनों के लिए यहां आई तो अपनी माता जी के साथ उनके प्रचार में आई. यहां ततारपुर का जो गेस्ट हाउस था वहां पर हम लोग रहते थे. प्रचार भी अलग तरह से होता था. गांव-गांव जाते थे. मैं माता जी के पीछे-पीछे जाती थी. पिताजी चुनाव जीते प्रधानमंत्री बने. अमेठी के लिए जितने कम कर पाए उन्होंने किया. यहां पर बड़े-बड़े उद्योग खोलें.