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नूंह में निजी स्कूल संचालक सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की उड़ा रहे धज्जियां

हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पंचकूला द्वारा नूंह जिले के निजी स्कूल की बसों का औचक निरीक्षण किया गया.

Private school operators in Nuh
Private school operators in Nuh (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

Updated : 3 hours ago

नूंह:हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पंचकूला द्वारा नूंह जिले के निजी स्कूल की बसों का औचक निरीक्षण किया गया. बाल आयोग के आदेशानुसार जिला स्तरीय निरीक्षण टीम का गठन किया गया. जिसकी अगुवाई हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पंचकूला के सदस्यों सुमन राणा व गणेश कुमार ने की टीम का नेतृत्व करते हुए हरियाणा बाल आयोग, पंचकूला के सदस्यों सुमन राणा व गणेश कुमार ने बताया पूरे हरियाणा राज्य में आज फिर से परिवहन विभाग हरियाणा द्वारा निर्धारित सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी अधिनियम के तहत दी गई. 28 शर्तो की अनुपालन की मॉनिटरिंग की शुरुआत की जा चुकी है. जिसके तहत जिला स्तर पर सभी संबंधित विभागों की टीम बनाकर स्कूल बसों का निरीक्षण किया जा रहा है.

बसों में मिलने वाली सुविधा: गुरुवार को नूंह से इसकी पुन: शुरुआत करते हुए आयोग के सदस्यों ने बताया कि बसों में विशेष रूप से प्राथमिक उपचार किट, अग्निशमन यंत्र, स्कूल प्रशासन के नम्बर, पुलिस, चाइल्ड लाइन नम्बर, बसों में सीसीटीवी कैमरा, स्कूलों के फोन नम्बर, बस एटेंडेंट या कंडक्टर का होना, बसों में रूट चार्ट, बसों में सिटिंग से ज्यादा बच्चों का न होना, स्पीड नियंत्रक का होना, बसों में जीपीएस सिस्टम होना, बसों सीट बेल्ट का होना इत्यादि व बच्चों का जागरूक होना जांचा जा रहा है. जिसके तहत आज नूंह के सेंट स्टीफंस इंटरनेशनल स्कूल किरा, प्रभात पब्लिक स्कूल छेछेड़ा, श्रद्धानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऑल दौका, मारिया मंजिल स्कूल नूंह, आरके इंटरनेशनल स्कूल नूंह, जीसी सीनियर सेकेंडरी स्कूल तावडू, हिंद मॉडल स्कूल तावडू, चंद्रावती पब्लिक स्कूल तावडू की बसों का निरीक्षण किया.

Private school operators in Nuh (Etv Bharat)

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरुकता: इस दौरान कुछ स्कूलों की बसों में कुछ खामियां मिली जिसका तुरंत प्रभाव से सुधारीकरण के लिए सभी स्कूल प्रबंधकों को सख्त हिदायत दी गई. तथा मौके पर आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस नूंह द्वारा कुछेक स्कूल बसों के चालान भी किए गए. साथ ही आयोग की टीम द्वारा बस ड्राइवरों, कंडक्टरों व महिला बस सहायकों को सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों की जानकारियां भी प्रदान की गई. ताकि स्कूल के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

इसके अलावा, खासतौर पर टीम द्वारा यह भी देखा गया. इनमें से कुछ स्कूलों में बच्चे इको गाड़ियों व ऑटो से भी आते है. जोकि बहुत ही जोखिम भरा होता है. परंतु स्कूल प्रबंधक इससे अपना पल्ला झाड़ रहे है. जिसके लिए माता-पिता व अभिभावकों को जागरूक होना बहुत ही जरूरी है. बच्चों को अनाधिकृत वाहनों से स्कूल भेजना जान-माल की हानि होने का बहुत बड़ा कारण बन सकता है.

बसों का औचक निरीक्षण: बाल आयोग व टीम के अन्य सदस्यों ने सामूहिक रूप से बसों का बारीकी से औचक निरीक्षण किया. ताकि हमारे देश के भविष्यों की सुरक्षा में कोई चूक न रह जाए. बाल आयोग के सदस्य गणेश कुमार व सुमन राणा ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, स्कूलों बसों को लेकर काफी गंभीर है. पूरे राज्य में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की सही अनुपालन कराना ही आयोग का उद्देश्य है. ताकि बच्चों के साथ कोई और दुर्घटना ना हो पाए.

अंत में आयोग के सदस्यों ने जिले के सभी माता-पिता व अभिभावकों से एक अपील व गुजारिश भी की कि अपने घर के चिरागों को असुरिक्षत वाहनों से स्कूल न भेजे. थोड़ी धनराशि व समय बचाने के चक्करों में अपने नौनिहालों के जीवन को खतरों में धकेले. टीम सदस्यों ने बताया कि आज लगभग काफी स्कूल बसों का निरीक्षण किया गया.

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