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मुस्लिम पक्ष को फिलहाल के लिए राहत, नहीं गिराया जाएगा मंडी में मस्जिद का अवैध ढांचा

निगम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष को फिलहाल मंडी में अवैध मस्जिद के ढांचे को गिराने को लेकर राहत मिल गई है.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

ILLEGAL MOSQUE CASE MANDI
मंडी में मस्जिद विवाद (फाइल फोटो)

मंडी:मस्जिद में अवैध ढांचे को गिराने के मामले में निगम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष को फिलहाल राहत मिल गई है. प्रधान सचिव टीसीपी ने अवैध निर्माण को गिराने व पुरानी स्थिति में बहाल करने के आदेशों पर रोक लगा दी है.

इस मामले में अगली सुनवाई प्रधान सचिव टीसीपी के कोर्ट में ही होगी, साथ ही नगर निगम भी ऑफिस रिकॉर्ड के साथ अपना पक्ष रखेगा. इस मामले की अगली सुनवाई आने वाली 20 अक्टूबर को होगी.

बता दें कि हिंदू संगठनों ने बीती 10 सितंबर को नगर निगम के बाहर व 13 सितंबर को शहर में प्रदर्शन के माध्यम से शहर के जेल रोड में स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने की मांग उठाई थी.

13 सिंतबर को हिंदू संगठनों ने बड़ी संख्या में मंडी की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. इसी दिन निगम कोर्ट ने मस्जिद के ढांचे को अवैध और टीसीपी नियमों के खिलाफ बताते हुए गिराने व पुरानी स्थिति में बहाल करने के आदेश दिए थे.

20 सितंबर को नगर निगम ने मस्जिद के बिजली-पानी के कनेक्शन को काट दिया था. आयुक्त कोर्ट ने इसके लिए मस्जिद संचालन समिति को एक महीने का समय दिया था जबकि फैसले की कॉपी 17 सितंबर को मस्जिद संचालन समिति को दी गई थी.

इसके बाद मस्जिद संचालन समिति द्वारा कभी प्रदेश उच्च न्यायालय तो कभी प्रधान सचिव के पास अपील दायर करने की बात कही जाती रही. वहीं, अब 10 अक्टूबर को प्रधान सचिव टीसीपी ने आयुक्त कोर्ट मंडी के निर्णय पर रोक लगाने के आदेश दिए और अगले दस दिनों में मामले में सुनवाई करने के लिए कहा है. इसमें अहले इस्लाम मुस्लिम वेलफेयर समिति के साथ नगर निगम को अपना पक्ष रखना पड़ेगा. आयुक्त मंडी नगर निगम एचएस राणा ने फैसले पर रोक लगाने के आदेश मिलने की जानकारी दी है.

मुस्लिम पक्ष का कहना बरसात में गिरा हिस्सा फिर से बनाया

प्रधान सचिव टीसीपी के पास सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने अवैध व नियमों के विपरीत निर्माण की बात को नकारा है. मुस्लिम पक्ष के अनुसार, 2013 में हुई भारी बारिश के कारण मस्जिद का मुख्य और बड़ा हिस्सा गिर गया था जिसे अगस्त 2023 को फिर से बनाया गया है.

मुस्लिम पक्ष के अनुसार आयुक्त कोर्ट में उनका पक्ष सही तरह से नहीं सुना गया. मुस्लिम पक्ष की दलीलों के अनुसार 1936 से मस्जिद 478 नंबर खसरा में स्थित थी जबकि 1962 में राजस्व रिकॉर्ड में हुए बदलाव के बाद मस्जिद खसरा नंबर 1280, 2216 व 2117 में 300.53 स्क्वेयर मीटर और खसरा नंबर 2218 से 2221 तक 85.6 स्क्वेयरमीटर पर है जो कि कुल 386.19 स्क्वेयरमीटर बनता है. यह क्षेत्र अहले इस्लाम के नाम पर दर्ज है.

हिंदू संगठन भी कोर्ट जाने की तैयारी में

इस फैसले के आने के बाद शिकायतकर्ता पक्ष और अन्य हिंदू संगठन अब प्रदेश उच्च न्यायालय जाने की तैयारी में हैं. इस बाबत जल्द ही हिंदू संगठनों की मंडी में एक अहम बैठक होगी, जिसमें आगामी निर्णय पर चर्चा की जाएगी.

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