लखनऊ :जल जीवन मिशन के तहत पड़ रही पाइप लाइन के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत में लापरवाह कम्पनियों के मालिकान मंगलवार को लखनऊ तलब कर लिए गए. सैकड़ों करोड़ के टर्न ओवर वाली कंपनियों के जिम्मेदार बैठक में बुलाए गए. कम्पनियों के रवैये से नाराज प्रमुख सचिव, अनुराग श्रीवास्तव ने उनके मालिकों को जमकर फटकार लगाई.
प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि एक-एक जिले के हालात की समीक्षा करते हुए मालिकों को कम से कम एक दिन खुद फील्ड पर पहुंचकर गावों में सड़क मरम्मत और नियमित जलापूर्ति के कार्य को देखने के निर्देश दिये गए हैं. 30 सितम्बर से पहले शत-प्रतिशत सड़कों की मरम्मत न होने पर उनके खिलाफ एफआईआर कराने की चेतावनी दी गई है. प्रमुख सचिव ने 15 दिनों बाद जिलों में प्रगति के ब्यौरे के साथ कम्पनी के मालिकों को शासन पहुंचने के निर्देश देते हुए कहा कि 17 सितम्बर की समीक्षा बैठक में यह तय हो जाएगा कि कौन सी कम्पनी जल जीवन मिशन में आगे काम करेगी और किन-किन कम्पनियों के खिलाफ एफआईआर होगी. उन्होंने ने कहा कि पाइप लाइन डालने में काटी गई सड़कों की मरम्मत सरकार की प्राथमिकता है और इसे हर हाल में 30 सितम्बर तक पूरा करना ही होगा.
प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मुजफ्फरनगर में काम कर ही कम्पनी के मालिक को सुस्त रवैये पर जमकर लताड़ लगाते हुए तीन दिन में सड़क मरम्मत की गति चार गुना बढ़ाने और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही टर्मिनेशन नोटिस के निर्देश दिये गए हैं. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ में काम कर रही कंपनी के साथ ही प्रयागराज में काम कर रही कंपनी के मालिकों को सुधार की सख्त हिदायत दी गई है. बैठक में एमडी राजशेखर और ईडी बृजराज सिंह यादव मौजूद रहे.