लखनऊ : प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब क्लास में पढ़ाते समय का 5 मिनट का वीडियो बनाना अनिवार्य होगा. इस वीडियो को बनाने के बाद शिक्षक को मूल्यांकन के लिए भेजना होगा. मूल्यांकन के आधार पर शिक्षक की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा.
टैबलेट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के लिए 15 जुलाई से सभी परिषदीय विद्यालयों में लागू करने का निर्देश दिया गया है. इससे परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालय में प्रॉक्सी शिक्षकों (तैनात शिक्षकों की जगह पर) कितने थे, इसकी जानकारी हो सकेगी. इसकी जिम्मेदारी मूल अध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की होगी. उत्तर प्रदेश स्कूल शिक्षक महानिदेशक कंचन वर्मा की तरफ से 32 पॉइंट की गाइडलाइन जारी की गई है. विभाग अगस्त महीने से अपने सभी स्कूलों को डिजिटल एक्टिव बनाने की तैयारी कर रहा है.
यह होंगे बदलाव, ऑनलाइन होगी शिक्षकों और छात्रों की अटेंडेंस |
- परिषदीय विद्यालय में रजिस्टर को डिजिटल भरे जाने की प्रक्रिया अगस्त महीने से लागू हो जाएगी. |
- 12 तरह के रजिस्टर को डिजिटल किए जाने के साथ ही शिक्षकों और छात्रों की अटेंडेंस भी ऑनलाइन होगी. |
- 15 जुलाई से शिक्षकों को टैबलेट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम के माध्यम से दर्ज करानी होगी उपस्थिति |
- विद्यालयों में शिक्षक क्या पढ़ा रहे हैं, इसका 5 मिनट का वीडियो भी बनाकर भेजना होगा. |
15 मिनट पहले होगी प्रार्थना सभा :महानिदेशक कंचन वर्मा के आदेश के अनुसार, 28 जून को परिषदीय विद्यालयों का संचालन गर्मी छुट्टियां के बाद शुरू होगा. ऐसे में एक जुलाई से सभी विद्यालयों को नियमानुसार संचालित किया जाना अनिवार्य है. 1 जुलाई से विद्यालय खुलने के समय से 15 मिनट पहले विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा. इसकी फोटो खंड शिक्षा अधिकारी को विद्यालय शिक्षक द्वारा भेजनी होगी. प्रतिदिन पहले से निर्धारित प्रार्थनाएं ही कराई जाएंगी. राष्ट्रगान के अलावा 5 से 7 मिनट का ध्यान मेडिटेशन अनिवार्य रूप से करना होगा. इस मौके पर सभी शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य होगी और एक कक्षा में काम से कम 40 मिनट की पढ़ाई होगी.
महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि इसके अलावा विद्यालय में शिक्षकों को ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से कई प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. मेंटरिंग कैडर की तरफ से प्रत्येक माह यूनिक विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरविजन भी किया जा रहा है. इसी व्यवस्था के तहत एक और प्रयास जुलाई से होने जा रहा है. इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में सभी शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए क्लास में पढ़ाने के दौरान 5 मिनट का वीडियो बनाना होगा. प्रधान अध्यापक इसे खंड शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे. जहां से बीएससी और वहां से डायट स्तर पर इसका मूल्यांकन किया जाएगा. वीडियो की गुणवत्ता अच्छी होने के साथ ही आवाज भी स्पष्ट होनी चाहिए. वीडियो लैंडस्केप मोड में बनाना होगा. वीडियो में सबसे पहले विद्यालय, फिर शिक्षक का नाम, संदर्भित विषय आदि का उल्लेख करना होगा.