प्रयागराज:संगम नगरी में चल रहा महाकुंभ मेला अपनी दिव्यता भव्यता के साथ आध्यात्मिक अनुभव के साथ ही विश्व कीर्तिमान के लिए भी याद किया जाएगा. महाकुंभ मेले में 25 फरवरी के दिन एक वर्ल्ड रिकॉर्ड करने के लिए 80 x 5 फीट लंबी कैनवास वॉल पर हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग बनायी गयी है. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक 10 हजार से अधिक लोगों ने इस हैंड प्रिंटिंग पेंटिग को बनाने के लिए सहभागिता की है. इससे पहले यह वर्ल्ड रिकॉर्ड 2019 के महाकुंभ में बना था. वहां पर मेला क्षेत्र में इसी तरह से 7 हजार 660 लोगों ने हैंडप्रिन्ट पेंटिंग करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.
अब इसी मेले में 10 हजार से अधिक लोगों के हैंडप्रिन्ट करके नया रिकॉर्ड कायम करने का प्रयास किया है. इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम की मौजूदगी में किया गया है. उनकी तरफ जल्द ही इसकी पुष्टि करने के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा की जाएगी.
महाकुंभ मेले में मंगलवार को गंगा पांडाल मेला क्षेत्र में तैनात कई विभाग के कर्मियों के साथ सफाई कर्मी और शिक्षकों समेत अन्य लोगों ने हैंडप्रिन्ट पेंटिंग करके नया विश्व कीर्तिमान बनाने का अनोखा प्रयास किया. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक इस पंडाल में पहुंचकर लोगों ने कैनवास वॉल पर हैंड प्रिंटिंग करना शुरू कर दिया. अपने हाथों की छाप से मेले में विश्व कीर्तिमान कायम करने के लिए मेला क्षेत्र में तैनात सफाई कर्मियों के साथ ही शिक्षक और मेला क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मियों के साथ ही अन्य लोगों ने पहुंचकर अपने हाथों की छाप लगायी.
महाकुंभ मेला हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग में शामिल हुए प्रतिभागियों ने दी जानकारी (video credit; ETV Bharat) इसे भी पढ़ें -महाकुंभ में महाशिवरात्रि का महास्नान पर्व कल; मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, सभी पांटून पुल बंद, जानिए क्या हैं व्यवस्थाएं, कैसे आएं मेला क्षेत्र - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025
सुबह से शाम तक चले पेंटिंग के अनोखे अयोजन में हजारों लोगों ने एक साथ आकर विविधता में एकता,जनसहभागिता, सामाजिक समरसता और एकात्मता की भावना को दिखाते हुए महाकुंभ की सच्ची भावना को दर्शाया है. हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग का यह आयोजन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ है. तीन दिन में इस महारिकॉर्ड के वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज होने की प्रक्रिया को भी पूर्ण कर लिया जाएगा. जिसके बाद इस विश्व कीर्तिमान को दर्ज कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम रजिस्टर्ड करके प्रमाणपत्र देगी. हालांकि इस बार हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग में हाथ की छाप लगाने से पहले लोगों ने सर्जिकल ग्लव्स पहना हुआ था, जबकि 2019 के आयोजन में बिना ग्लव्स पहने हुए ही लोग अपने हाथों की छाप लगा रहे थे.
इको फ्रेंडली रंगों का किया गया इस्तेमाल :कार्यक्रम के आयोजन में शामिल जोनल अधिकारी संजय ममगई ने बताया कि महाकुंभ की धरती से यह कार्य करके पुण्य की इस धरती से जन सहभागिता और सामाजिक समरसता का संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में इको फ्रेंडली रंगों का प्रयोग करके पेंटिंग बनायी गयी है. उनके अनुसार, इस रिकॉर्ड को फिर से बनाने के लिए आठ घंटे के भीतर सबसे ज्यादा लोग शामिल हुए हैं. जिन्होंने अपने हाथ के निशान वाली पेंटिंग में योगदान किया है. यह रिकॉर्ड महाकुंभ 2025 के सौंदर्यीकरण की भावना को भी उजागर करेगा.
महाकुंभ में बनायी गयी हैंड प्रिंट पेंटिंग के जरिये समुद्र मंथन का डिजाइन बनाया गया है. हैंड प्रिंटिंग का यह रिकॉर्ड विविधता और एकता को भी दिखाता है. क्योंकि प्रत्येक हाथ का निशान सामूहिक कलाकृति में एक व्यक्ति की अनूठी उपस्थिति और योगदान का प्रतीक है. जिससे महाकुंभ की धरती से सामाजिक एकजुटता की भावना दिखती है.
वहीं इस महा अयोजन में शामिल होने वाले लोग उत्साहित हैं. महाकुंभ मेला में बनाये जा रहे इस विश्व कीर्तिमान का हिस्सा बनने के लिए गंगा पंडाल में पहुंची शिक्षिका प्रतिभा गुप्ता का कहना है कि महाकुंभ के इस महा अयोजन में प्रतिभाग करके वो खुद को भी इसका हिस्सा मान रही हैं.उनका कहना है कि वो इस रिकॉर्ड में सहभागी बनी जो उनके लिए हमेशा यादगार रहेगा.
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