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बिहार विधानसभा उपचुनाव में प्रशांत किशोर का दावा फेल! उम्मीदवारों की डिग्री पर सियासी घमासान - PRASHANT KISHOR

उपचुनाव में प्रशांत किशोर थियरी में पास हैं लेकिन प्रैक्टिकल में 'इंटर' होते ही चुनौती मिलती है. अब उम्मीदवारों की पढ़ाई पर PK..घिरे हैं.

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प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 29, 2024, 8:41 PM IST

पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चार सीटों पर उप चुनाव लड़ने का फैसला किया. जन सुराज ने चारों सीटों पर उम्मीदवार भी खड़े किए. जिसमें दो सीटों पर प्रशांत किशोर को उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी, जिन उम्मीदवारों को जंगे मैदान में उतर गया है, उसपर भी सियासी घमासान है.

चार सीटों पर प्रशांत किशोर ने खड़े किए उम्मीदवार: प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को राजनीतिक दल का गठन किया था. ठीक एक महीने बाद उपचुनाव में लड़ने का फैसला ले लिया. प्रशांत किशोर ने चारों सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. इमामगंज से डॉक्टर जितेंद्र पासवान. बेलागंज से मोहम्मद अमजद, तरारी से किरण देवी और रामगढ़ से सुशील कुमार कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है. प्रशांत किशोर के उम्मीदवारों की डिग्री को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजनीतिक दलों ने मुद्दा भी बना लिया है.

चार सीटों पर प्रशांत किशोर ने खड़े किए उम्मीदवार (ETV Bharat)

दो सीटों पर प्रशांत किशोर ने बदले उम्मीदवार : प्रशांत किशोर ने जल्दबाजी में चुनाव लड़ने का फैसला लिया. इसका असर भी उपचुनाव में देखने को मिला. दो सीटों पर प्रशांत किशोर को उम्मीदवार बदलने पड़े. तरारी सीट पर प्रशांत किशोर ने लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन एसके सिंह का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था. जिस वजह से उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा. दूसरा विवाद बेलागंज विधानसभा सीट पर हुआ जहां प्रशांत किशोर ने पहले खिलाफत हुसैन को टिकट दिया, बाद में उनकी जगह मोहम्मद अमजद को मैदान में उतारा. बेलागंज में सभा के दौरान विवाद खड़ा हुआ था और कुर्सियां तक चली थीं.

डॉ जितेंद्र पासवान नहीं हैं 'डॉक्टर' : प्रशांत किशोर ने जिन उम्मीदवारों को चारों सीटों पर खड़ा किया है उनकी डिग्री सवालों के घेरे में है. चारों सीटों पर प्रशांत किशोर ने नॉन ग्रेजुएट उम्मीदवार खड़े किए हैं. मतलब किसी ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल नहीं की है. बेलागंज के उम्मीदवार डॉक्टर जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट की डिग्री हासिल की है. जितेंद्र पासवान एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं, बावजूद इसके जितेंद्र पासवान को डॉक्टर जितेंद्र पासवान के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है.

तीन सीटों पर उम्मीदवार इंटरमीडिएट से कम : बेलागंज सीट पर प्रशांत किशोर ने मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार बनाया है. मोहम्मद अमजद के खिलाफ जहां आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं मोहम्मद अमजद ने इंटरमीडिएट तक ही पढ़ाई की है. तरारी सीट पर प्रशांत किशोर ने किरण देवी को उम्मीदवार बनाया है. किरण देवी बारहवीं तक पढ़ाई की है.

इंटर तक पढ़े हैं रामगढ़ उम्मीदवार: रामगढ़ सीट पर सुशील कुशवाहा को प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार बनाया है सुशील कुशवाहा ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है. चारों उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने इंटर से अधिक की पढ़ाई नहीं की है. जबकि प्रशांत किशोर लगातार यह दावा कर रहे थे कि वह अपने से बेहतर उम्मीदवार आपके बीच से लाएंगे.

बीजेपी ने कसा पीके के प्रत्याशियों पर तंज: भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद अनिल शर्मा ने कहा है कि प्रशांत किशोर इतने दिन परिक्रमा किया लेकिन उन्हें उम्मीदवार नहीं मिला. इमामगंज से उन्होंने झोलाछाप डॉक्टर को खड़ा किया. बाकी के उम्मीदवार इंटर से अधिक नहीं पढ़े लिखे हैं. आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर अपराधी, लफंगा और ठेकेदार को चुनाव के मैदान में खड़े करेंगे. आने वाले दिनों में राष्ट्रीय जनता दल और प्रशांत किशोर की पार्टी में कोई अंतर नहीं रहेगा.

'पीके की राजनीति में फेल' : राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि ''प्रशांत किशोर मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़े गए. तरारी से उनके उम्मीदवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था. बेलागंज से उम्मीदवार बदलना पड़ा. इमामगंज में जिसको प्रशांत किशोर डॉक्टर बता रहे हैं वह इंटर पास हैं. प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में फेल साबित होने वाले हैं.''

चार सीट पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे- JS : जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता संजय ठाकुर ने कहा है कि''हमारी पार्टी ने बेहतर उम्मीदवार दिए हैं. हमने परिवार की राजनीति नहीं की है. स्वच्छ छवि के नेता को मैदान में उतारा है. हमें जनता का समर्थन मिल रहा है. जहां तक मुकदमे का सवाल है तो राजनीतिक लोगों पर मुकदमे दर्ज होते रहते हैं. हम चारों सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे.''

क्या कहते हैं जानकार?: वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि प्रशांत किशोर ने जल्दबाजी में चुनाव लड़ने का फैसला लिया. जल्दबाजी का खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है.दो सीटों पर उन्हें उम्मीदवार बदलने पड़े. प्रशांत किशोर ने उम्मीदवारों का भी चयन जल्दबाजी में किया. ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतार दिए जो सिर्फ इंटर या उससे कम डिग्री लिए हैं. जाहिर तौर पर उपचुनाव के नतीजे का असर 2025 के विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाला है. प्रशांत किशोर के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी.

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