सुपौल: जन सुराज पदयात्रा के शिल्पकार प्रशांत किशोर एक दिन के दौरे पर सुपौल पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं ने उनका किशनपुर चौक पर फूल-माला से भव्य स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने किशनपुर हाई स्कूल मैदान एवं गोकुलधाम निर्मली में स्थानीय लोग एवं कार्यकर्ताओं के बीच जनसभा को संबोधित किया. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में एक सौ में से 80 व्यक्ति 100 रुपये भी नहीं कमाता है. ऐसे में क्या खाएगा क्या बचाएगा.
'5 किलो अनाज पर वोट ना दें': उन्होंने कहा कि वोट किसी को भी दीजिए, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन बच्चों को गांव समाज में पढ़ने के लिए अच्छी व्यवस्था होना चाहिए. आपने आज तक 5 किलो अनाज के नाम पर वोट दिया. रामलाला के नाम पर वोट दिया. नीतीश के राज्य में बिजली और जाति के नाम पर वोट दिया. ऐसे में शिक्षा का काम कैसे होगा.
'सभी जात की राजनीति करते':बिहार के शिक्षा व्यवस्था और जातिवाद पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव अकेले नहीं है, जो जात की राजनीति करते हैं. बिहार में आज कोई पंडित का नेता है, कोई कुशवाहा का नेता है, कोई राजपूत का तो कोई भूमिहार का. आज जो जिस जात का नेता है वो उस जात की राजनीति कर रहा है. नेता तो अपने और अपने परिवार की राजनीति कर रहे है.
'मुफ्त में वोट देंगे तो यही होगा':उन्होंने कहा कि बिहार में जैसे लालू जी अपने बच्चों की चिंता कर रहे हैं, वैसे ही आप भी अपने बच्चों की चिंता कीजिए. आप अपने जात वालों को वोट करते हैं कीजिए. इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उसका हक लीजिए. आप अपने जात वालों को 50 रुपए का दूध बेचते हैं तो उससे पैसे लेते हैं ना. जब दूध मुफ्त में नहीं बेचते हैं तो लाखों का वोट जात वालों को मुफ्त में क्यों दे रहे हैं? वोट मुफ्त में देंगे तो वो और उनके परिवार के लोग हेलिकाप्टर से चलेंगे और आपका लड़का के पास चप्पल भी नहीं होगा, ये लिख कर रख लीजिए.