मुर्गा खाने की सजा भुगत रहे हैं किसान, कलेक्टर के पास पहुंचे निकालने समाधान - Bemetra Venkatarama Poultry Case
Farmers crops ruined in Bemetra बेमेतरा जिले का वेंकटरामा पोल्ट्री फार्म इन दिनों ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है.किसानों का आरोप है कि पोल्ट्री के कारण उनकी फसल बर्बाद हो रही है.वहीं किसान समाधान नहीं निकलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.Bemetra Venkatarama Poultry Case
मुर्गा खाने की सजा भुगत रहे हैं किसान (ETV Bharat Chhattisgarh)
बेमेतरा: बेमेतरा जिला के मुलमुला में वेंकटरामा पोल्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के कारण क्षेत्र के लोग परेशान हैं.पोल्ट्री फॉर्म से निकलने वाला गंदा पानी गांव से होकर गुजरने वाले नहर में मिलता है.जिसके कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.जिसे लेकर अब किसानों ने मोर्चा खोला है.किसानों ने इस समस्या को लेकर कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया.इसके साथ ही अपनी समस्याओं से जिला प्रशासन का ध्यान खींचा. इस दौरान खपरी, मुंगेली, बाराडेरा और नरी गांव के सैकड़ों किसान बेमेतरा कलेक्टर से फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है.
मुर्गों ने खड़ी कर दी है परेशानी (ETV Bharat Chhattisgarh)
पोल्ट्री फॉर्म ने हवा जमीन पानी सब की दूषित :गौरलतब है कि जब से पोल्ट्री फॉर्म का निर्माण हुआ है तब से आसपास के 50 गांव के किसान परेशान हैं. जिला का सबसे बड़े पोल्ट्री फार्म होने की कारण उठने वाले बदबू से किसानों के गांव छोड़ने की स्थिति निर्मित हो गई है.वहीं सकरी नदी के मुंगेली माइनर नहर में पोल्ट्री फार्म का दूषित पानी जा रहा है. जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.वहीं क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के सैकड़ों किसानों ने बेमेतरा कलेक्ट्रेट में कलेक्टर रणबीर शर्मा को ज्ञापन सौंपकर नहर को हमेशा के लिए बंद करने की मांग की है.साथ ही पोल्ट्री प्रबंधन से मुआवजे की मांग की है.
कई साल से हो रहा है विरोध :वेंकटरामा पोल्ट्री फार्म मुलमुला का विरोध कोई पहली बार नहीं है. लगातार क्षेत्र के ग्रामीण इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.वहीं दर्जनों शिकायत के बाद भी अब तक कोई भी समुचित कार्रवाई नहीं होने से फैक्ट्री प्रबंधन बुलंद हैं. करीब एक वर्ष पहले क्षेत्र के किसानों और कांग्रेसी नेताओं ने पोल्ट्री फार्म में जाकर तोड़फोड़ भी की थी. इसके बाद किसानों के खिलाफ ही कानूनी कार्रवाई हो गई थी.बाराडेरा के सरपंच धनसाय भारती ने कहा कि पोल्ट्री फार्म के दूषित पानी से किसानों की 200 एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है.
''पोल्ट्री फार्म के बदबू के कारण बाराडेरा स्कूल के बच्चे भी परेशान होते हैं. जिस दिशा में हवा चलती है उसी दिशा में बदबू तेजी से फैलती है. जिसका विरोध भी किया गया था. पोल्ट्री फार्म प्रबंधन ने बदबू रोकने हाईटेक मशीन लगाने की बात कही थी.लेकिन ये बात सिर्फ हवा हवाई साबित हुई.अब तक कोई भी हाईटेक मशीन नहीं लगाई गई है. वहीं बदबू से क्षेत्रवासियों का जीना मुहाल हो चुका है.''- धनसाय भारती, सरपंच
वहीं कलेक्ट्रेट पहुंचे नरी गांव के सरपंच केशव साहू ने कहा कि जब से पोल्ट्री फार्म का निर्माण हुआ है आसपास के लोग उसके बदबू से परेशान है.अधिकारियों के साथ प्रबंधन के साठगांठ के कारण दूषित पानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.वहीं इस संंबंध ने कलेक्टर ने उचित कार्रवाई की बात कही है.
''किसानों की शिकायत आई है इस पर बेमेतरा के एसडीएम को जांच के आदेश दिए गए हैं ।उन्होंने कहा कि जांच के बाद यह पता लगाया जाएगा कि किसानों की फसल आखिर क्यों बर्बाद हुई है उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.''- रणबीर शर्मा,कलेक्टर
आपको बता दें कि पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गों को बीमारियों से बचाने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है,वो पोल्ट्री के गंदे पानी के साथ मिलता है.फिर प्रबंधन इसे नाली के माध्यम से नहर में मिला देता है.वहीं मुर्गों के अपशिष्ट का भी पोल्ट्री में किसी तरह का प्रबंध नहीं किया गया है.यही वजह है कि गांव और किसान दोनों ही मुर्गा का आतंक झेल रहे हैं.