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फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के संभावित दावेदार, पहली बार डायरेक्ट मेयर चुनेगी जनता - FARIDABAD NAGAR NIGAM ELECTION

फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट यहां देखिए.

FARIDABAD NAGAR NIGAM ELECTION
भाजपा-कांग्रेस के संभावित दावेदार (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 6, 2025, 10:07 PM IST

फरीदाबाद: फरीदाबाद नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. ऐसे में 2 मार्च को फरीदाबाद समेत कई जिलों में नगर निगम, नगर पालिका समेत नगर परिषद का चुनाव होगा और 12 मार्च को उसका रिजल्ट आएगा. फरीदाबाद में इस बार 46 वार्ड बनाए गए हैं, जहां से पार्षद चुने जाएंगे.

इस बार फरीदाबाद में डायरेक्ट मेयर का चुनाव होगा, यानी फरीदाबाद के लोग वोटिंग के दिन जहां पार्षद को वोट करेंगे, वहीं अपने वोट के जरिए फरीदाबाद के मेयर को भी चुनेंगे. इससे पहले पार्षद मिलकर मेयर का चुनाव करते थे, लेकिन पहली बार डायरेक्ट मेयर के चुनाव होने जा रहे हैं. हालांकि नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो अपने चुनाव सिंबल पर चुनाव लड़ेगी. वहीं कांग्रेस ने भी कहा है कि वो भी अपने चुनाव सिंबल पर ही नगर निगम चुनाव लड़ेगी.

क्या सुमन बाला को फिर से मिलेगा टिकट ? : फरीदाबाद में मेयर सीट महिला के लिए रिजर्व की गई है. ऐसे में मेयर पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं. खास तौर पर बात करें बीजेपी की तो, पार्टी में फिलहाल मेयर पद के लिए तीन नाम सामने आ रहे हैं. इनमें प्रमुख नाम है मौजूदा मेयर सुमन बाला, हालांकि सुमन बाला का कोई ज्यादा राजनीतिक करियर नहीं है, लेकिन सुमन बाला ने पहली बार 2017 में पार्षद का चुनाव लड़ा और वह जीती. जिसके बाद बीजेपी के सभी पार्षदों ने मिलकर सुमन बाला को मेयर चुना. बखूबी उन्होंने मेयर पद को संभाला. इस दौरान सुमन बाला पर किसी भी तरह का कोई आरोप नहीं लगा और यही वजह है कि सुमन बाला की दावेदारी सबसे मजबूत है.

सुमन बाला, भाजपा (File Photo)

सीमा त्रिखा का नाम भी आगे : वहीं दूसरे नंबर पर पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा का नाम सामने आ रहा है. सीमा त्रिखा का एक लंबा राजनीतिक करियर रहा है. सीमा त्रिखा फरीदाबाद से पार्षद भी रह चुकी हैं, जिसके बाद उन्होंने पार्षद से लेकर मंत्री तक का सफर तय किया. इस दौरान पहली बार बीजेपी से विधानसभा का टिकट 2009 में उन्हें मिला, लेकिन वो चुनाव हार गई. जिसके बाद दोबारा उन्हें 2014 विधानसभा चुनाव में बड़खल सीट से बीजेपी से टिकट मिला और वो विधायक चुनी गईं. इसके बाद वो संसदीय सचिव बनाई गईं, लेकिन संसदीय सचिव का मुद्दा कोर्ट गया. इस दौरान उन्हें अपने संसदीय सचिव के पद से हटना पड़ा. इसके बाद 2019 में फिर से उन्हें विधानसभा का टिकट मिला और वो चुनाव जीत कर आईं और उन्हें शिक्षा मंत्रालय भी मिला लेकिन 2024 विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया और उनकी जगह पर धनेश अदलखा को टिकट दिया गया. यही वजह है कि अब कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है बीजेपी आला कमान सीमा त्रिखा को मेयर पद का टिकट दें, हालांकि सीमा त्रिखा भी मेयर के टिकट को लेकर प्रयास कर रही हैं.

सीमा त्रिखा, भाजपा (File Photo)

नीरा तोमर भी कर रहीं दावेदारी : वहीं तीसरा नाम है नीरा तोमर, जो भाजपा की एक वरिष्ठ नेता हैं और वो कई जिलों की प्रभारी भी रह चुकी हैं. भारतीय जनता पार्टी के संगठन के अंदर भी उनकी अच्छी पकड़ है. जिले में सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चलकर हिस्सा लेती हैं और बीजेपी को मजबूत करने के लिए भी उन्होंने अहम जिम्मेदारी निभाई है. यही वजह है कि वो भी मेयर पद की दावेदारी कर रही हैं.

नीरा तोमर, भाजपा (File Photo)

कांग्रेस से वेणुका प्रताप का नाम सबसे आगे : वहीं, कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस में अभी तक सिर्फ एक नाम पर ही कयास लगाए जा रहे हैं और वो है वेणुका प्रताप, जो पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप के बेटे और पूर्व विधायक विजय प्रताप की पत्नी है. वेणुका प्रताप का पूरा परिवार राजनीति में रहा है. उनके ससुर चौधरी महेंद्र प्रताप फरीदाबाद से विधायक चुने गए और बिजली मंत्री बने. इसके अलावा वेणुका प्रताप के पति यानी विजय प्रताप भी 2009 में कांग्रेस के टिकट पर बड़खल विधानसभा से चुनाव लड़े और उन्होंने सीमा त्रिखा को हराया. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उनके ससुर महेंद्र प्रताप ने कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा, हालांकि वो केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर से हार गए. वहीं उनके पुत्र विजय प्रताप 2024 विधानसभा चुनाव में बड़खल विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन वो भी हार गए. ऐसे में अब नगर निगम और मेयर का चुनाव होना है. कांग्रेस के पास मेयर प्रत्याशी की कोई लंबी लिस्ट नहीं है. यही वजह है कि वेणुका प्रताप फिलहाल का नाम मेयर पद के लिए सामने आ रहा है.

वेणुका प्रताप, कांग्रेस (File Photo)

आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव के रिजल्ट का कर रही इंतजार : इसके अलावा यदि हम आम आदमी पार्टी की बात करें तो आम आदमी पार्टी पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट का वेट कर रही है. उसके बाद ही फरीदाबाद नगर निगम चुनाव को लेकर कोई फैसला लेगी. हालांकि इसके अलावा जेजेपी, ईनेलो या किसी अन्य दल का कोई प्रभाव फरीदाबाद नगर निगम में नहीं है.

फरीदाबाद नगर निगम का इतिहास : कौन कब मेयर बना -

  • बता दें फरीदाबाद नगर निगम का गठन 1994 हुआ था और 28 फरवरी 1995 में फरीदाबाद के पहले मेयर सूबेदार सुमन बने.
  • इसके बाद 4 मई 2000 को गैर कांग्रेसी नेता देवेंद्र भड़ाना फरीदाबाद के मेयर बने, लेकिन उनका कार्यकाल ज्यादा नहीं चल सका और पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करके 2001 में उन्हें मेयर पद से हटा दिया.
  • इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर शिवचरण लाल शर्मा 12 जुलाई से 11 अगस्त तक करीब 1 महीने कार्यवाहक मेयर बने रहे.
  • फिर ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने अनीता गोस्वामी को मेयर बनाया, लेकिन मेयर पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अनीता गोस्वामी को 22 अप्रैल 2003 को अपना पद छोड़ना पड़ा.
  • इसके बाद एक बार फिर से शिवचरण लाल शर्मा को कार्यवाहक मेयर बनाया गया.
  • बाद में चौटाला सरकार ने 21 मई 2003 को अतर सिंह को मेयर बनाया, अतर सिंह 2005 तक मेयर पद पर बने रहे.
  • 2005 में विधानसभा चुनाव हुए, कांग्रेस की सरकार बनी और कांग्रेस ने ब्रह्मवती खटाना को मेयर बनाया. इस दौरान ब्रह्मवती खटाना 9 अगस्त 2005 से 26 अप्रैल 2010 तक मेयर पद पर बनी रहीं.
  • इसके बाद कांग्रेस की सरकार में 9 जून 2010 को अशोक अरोड़ा को मेयर बनाया. अशोक अरोड़ा 26 मई 2015 तक फरीदाबाद के मेयर रहें.
  • इसके बाद 2017 में बीजेपी नेसुमन बाला को मेयर बनाया जो अभी तक मेयर पद पर बनी हुई हैं.

ऐसे में देखने वाली बात ये होगी की पहली बार हो रहे डायरेक्ट मेयर चुनाव में कौन सी पार्टी किसको अपना मेयर का प्रत्याशी घोषित करती है.

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