जींद: प्रदेश में साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन मामले में मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने खोखरी के 14 युवाओं को बरी किया है. ये मामला फरवरी 2016 से कोर्ट में विचाराधीन था.
गौरतलब है कि साल 2016 में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में जाट आंदोलन भड़क गया था. इस दौरान कई शहरों में दुकान, मकान समेत कई जगह तोड़-फोड़ हुई थी. वहीं कई जगह आग भी लगा दी गई थी. इस आंदोलन के लेकर पुलिस ने 14 फरवरी 2016 को खोखरी के 14 युवाओं पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था. तभी से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पूजा सिंगला की अदालत ने सुनवाई करते हुए 14 युवाओं को बरी कर दिया है.
30 युवाओं की गई थी जान : खुद को ओबीसी समुदाय का दर्जा दिए जाने या फिर विशेष कोटे की मांग करते हुए जाट समुदाय के लोग 2016 में सड़क पर उतर आये थे. बाद ये आंदोलन हिंसक हो गया. कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सेना को बुलाना पड़ा. कई जगह झड़प हो गई और करीब 30 युवाओं की मौत हो गई थी.
रोहतक कोर्ट ने भी किया था बरी : साल 2023 में भी जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े मामले में कोर्ट ने 5 आरोपियों को बरी किया था. साल 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान नेशनल हाईवे को जाम करने से जुड़े मामले पर रोहतक कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए थे.
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