रांचीः ईडी की पूछताछ के दौरान सीएम आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती और उसके बाद दर्ज केस ने झारखंड की सियासत को गरमा दिया है. इस मुद्दे पर आमने-सामने हुई सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि कायदे से ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया जाना चाहिए था. सीआरपीएफ के जवान तो सुरक्षा कारणों से ड्यूटी पर लगाए गए थे मगर मुख्यमंत्री ने जिस तरह से ईडी की पूछताछ के बाद सभा को संबोधित किया उससे साफ जाहिर होता है कि उनके द्वारा कानून का उल्लंघन किया गया मगर ऐसा नहीं हुआ. सीएम आवास के बाहर 20 जनवरी को ईडी के खिलाफ माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी तो ऐसे में कहीं बंगाल की तरह यहां भी घटना ना हो इसलिए सीआरपीएफ को सुरक्षा के लिए लगाया गया होगा.
बाबूलाल बताएं सीआरपीएफ की तैनाती विधि सम्मत थी और किसके आदेश पर किया गया- मनोज पांडेः विपक्ष के द्वारा उठाए सवाल पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल मरांडी से पूछा है कि 20 जनवरी को जिस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ चल रही थी उस समय सीआरपीएफ की तैनाती क्या विधि सम्मत थी और किसके आदेश पर केंद्रीय बलों को बुलाया गया था.