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धमतरी में एलईडी लाइट पर सियासत जल उठी, समझिए पूरा मामला - धमतरी नगर निगम

Politics on LED lights in Dhamtari: धमतरी के 40 वार्डों में लगे स्ट्रीट लाइट को लेकर नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. बीजेपी ने निगम आयुक्त पर घटिया क्वालिटी की लाइट लगाने और लाइट का अधिक पैसा वसूलने का आरोप लगाया है. वहीं निगम ने भी मामले में सफाई दी है.

Dhamtari Municipal Corporation
धमतरी नगर निगम

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 27, 2024, 8:20 PM IST

धमतरी में एलईडी लाइट पर सियासत

धमतरी:धमतरी नगर निगम में एलईडी लाइट पर सियासत हो रही है. विपक्ष ने इस मामले में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वहीं, निगम प्रशासन के आरोपों को निराधार बता रही है. दरअसल, धमतरी नगर निगम के सभी 40 वार्डों में स्ट्रीट लाइट के लिए एलईडी लाइट लगाने का टेंडर जारी किया गया था. टेंडर उठाने वाले ठेकेदार ने जो लाइटें लगाई है. उनमें से बड़ी संख्या में लाइटें दो ढाई महीने भी नहीं चलीं और फ्यूज हो गईं. इस पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

विपक्ष का आरोप: इस पूरे मसले पर विपक्ष का आरोप है कि जो लाइट बाजार में 600 से 12 सौ के बीच मिल जाती है. उन लाइटों के लिए 45 सौ रुपये प्रति लाइट भुगतान किया गया है. इस तरह से पूरे निगम क्षेत्र में लाइट लगाने के बाद 10 लाख का ही खर्च आता लेकिन निगम ने कुल 39 लाख का भुगतान किया है. विपक्ष इस मामले में कलेक्टर से जांच की मांग कर रहा है. धमतरी के निगम कमिश्नर ने कहा है कि, "लाइट लगाते समय अर्थिंग नहीं दिया गया था. इस कारण वो फ्यूज हो गया. टेंडर के मुताबिक ठेकेदार को दो साल तक मेंटनेंस भी करना है."

इसलिए सुर्खियों में रहता है धमतरी नगर निगम:बता दें नई कमेटी यानी कि कांग्रेस के साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता काबिज के साथ जो आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ था, वो आज भी जारी है. कभी मेडिकल सामान खरीदी को लेकर सवाल उठे, तो कभी बिजली के सामान खरीदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा. ताजा मामले में 40 लाख की स्ट्रीट लाइट को लेकर विपक्ष ने निगम के अफसरों और सत्तारूढ़ कमेटी को घेरा है. तकरीबन 140 साल पुराना धमतरी नगर निगम आए दिन सामने आते घपले घोटाले की वजह से सुर्खियों में बना रहता है.

ये है पूरा मामला:जिले के 40 वार्डों में लगे स्ट्रीट लाइट जो तकरीबन 40 लाख रुपए में खरीदा गया था. अभी इन लाइट को लगे महज कुछ दिन ही बीते हैं कि अधिकांश वार्डो के लाइट बन्द हो गए. बताया जा रहा है कि 4500 रुपये की एक लाइट है. हालांकि इसकी क्वॉलिटी खराब बताई जा रही है. मामले के विपक्ष ने सख्त रुख अख्तियार किया है. साथ ही मामले में जांच की बात कही है. बीजेपी पार्षदों ने जांच की बात कही है. वहीं, निगम आयुक्त ने सफाई दी है कि लाइट लगाते वक्त अर्थिंग नहीं दी गई थी, इसी कारण लाइट फ्यूज हो गया है.टेंडर के मुताबिक ठेकेदार को दो साल तक मेंटनेंस भी करना है.

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