देहरादून: जौनसार बाबर क्षेत्र में यह पहला मौका होगा जब पंद्रह गांवों के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं किया. सड़क न बनने से नाराज ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया. चकराता के 15 गांवों के ग्रामीणों की ओर से उठाए गए इस कदम का असर राजनीतिक दलों में भी देखने को मिल रहा है. इस मुद्दे पर अब जमकर बयानबाजी हो रही है.
चकराता के 15 गांवों में चुनाव बहिष्कार पर सियासत तेज, शुरू हुआ वार-पलटवार का दौर - Election boycott in Uttarakhand
Chakrata election boycott, Election boycott in 15 villages of Chakrata चकराता क्षेत्र के 15 गांवों ने चुनाव का बहिष्कार किया. बताया जा रहा है यहां के ग्रामीण विकासकार्य न होने से नाराज थे. चकराता के इन गांवों के चुनाव बहिष्कार के बाद सियासत भी शुरू हो गई है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Apr 20, 2024, 7:13 PM IST
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा चकराता विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह कई बार विधायक रहे हैं. प्रीतम सिंह पूर्व में कैबिनेट मंत्री के अलावा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं, इसलिए कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि चकराता के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार क्यों किया.भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा अगर चकराता में विकास नहीं हुआ तो इसकी जिम्मेदार कांग्रेस हैय उन्होंने कहा वहां के विधायक होने के नाते प्रीतम सिंह को इसका जवाब देना चाहिए.
वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा के बयान का पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा प्रीतम सिंह चकराता के विधायक हों, लेकिन सरकार तो भाजपा की है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने कहा जहां कांग्रेस के विधायक हैं, सरकार की ओर से उन विधानसभा क्षेत्रों को नजर अंदाज किया जाता रहा है. उन्होंने आरोप लगाया भाजपा सरकार कांग्रेस के विधायकों के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाती आई है, इसलिए चकराता क्षेत्र के पंद्रह गावों के ग्रामीणों की तरफ से चुनाव का बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा इन गांवों के चुनाव का बहिष्कार भाजपा की नाकामी को दर्शाता है.