पटना: प्रशांत किशोर ने एक जनसभा के दौरान कहा कि कई लोग सवाल करते हैं कि ये भाई इतना मेहनत काहे कर रहे हैं, वोट मांग नहीं रहे हैं, हम लोग से कुछ लिए भी नहीं तो इतना मेहनत क्यों कर रहे हैं? पीके ने कहा कि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बिहार में मुख्यमंत्री बनने आए हैं, इसलिए इतना मेहतन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि आप मुझे नहीं जानते हैं, हम इतना छोटा सपना लेकर नहीं पैदा हुए हैं.
''हम सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री बनने का सपना लेकर नहीं आए हैं. ये सपना लेकर आए हैं कि अपने जीवन काल में बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में देखें. ये सपना लेकर आए हैं. आपने जीवन काल में देखना चाहते हैं कि गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा तमिलनाडु और पंजाब समेत पूरे भारत वर्ष से एक दिन लोग बिहार में आकर रोजी-रोजगार करें तब मानेंगे कि बिहार में विकास हो रहा है.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज
बिहार के लोग मजदूर बनने के लिए पैदा नहीं हुए : हम बिहार के लोग मजदूर बनने के लिए पैदा नहीं हुए हैं. बिहार के लोग मजदूर के सप्लायर नहीं बन सकते हैं. व्यवस्थाओं ने यहां के लोगों को मजदूर बना दिया है. देश में आज जिसको मजदूर की जरूरत है वो कहता है जाओ बिहार से मजदूर पकड़ कर ले आओ. आज किसी राज्यों में फसल नहीं कट रहा है तो कहता है 1 सौ बिहारी को पकड़ कर काम करवा लो. बिहार के लोग जो फैक्ट्री में काम कर सकते हैं वो फैक्ट्री लगवा भी सकते हैं.