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झारखंड की राजनीति में हंगर इंडेक्स, झामुमो और भाजपा आमने-सामने!

झारखंड की राजनीति में ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट की एंट्री हो गयी है. इस मुद्दे को लेकर झामुमो और भाजपा आमने-सामने है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

Political rhetoric in Jharkhand over India position on Global Hunger Index
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के समय में राजनीतिक दलों के नेता अपने विरोधियों पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. यही वजह है कि विजयादशमी के त्योहार के समापन के बाद ही राज्य की राजनीति में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति पर राजनीतिक वार-पलटवार शुरू हो गया है.

राज्य की सत्तारूढ़ राजनीतिक दल झामुमो ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हवाला देकर भाजपा पर निशाना साधा. झामुमो ने पूछा कि पिछले 10 वर्षों में देश को कहां से कहां पहुंचा दिया तो भाजपा का जवाब मिला कि साजिश रचकर देश के खिलाफ एजेंडा चला रहे विदेशी एजेंसियों के बहकावे में विपक्षी दलों के नेता न आएं. क्योंकि पीएम मोदी के राज में देश मे कहीं कोई भूखमरी नहीं है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर बीजेपी-झामुमो में आरोप-प्रत्यारोप (ETV Bharat)

सरकार उद्योगपतियों के लिए काम करेगी तो रिपोर्ट ऐसा ही होगा- JMM

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की खराब होती स्थिति को झामुमो ने मुद्दा बनाया है. इसको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि बीजेपी के नेता अपनी मोदी सरकार की उपलब्धियों में ही ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सच्चाई बयां कर देते हैं. जिस देश की 80 करोड़ लोग पेट भरने के लिए सरकार से मिलने वाले 05 किलो अनाज के मोहताज हों, वहां की वास्तविक स्थिति को समझना मुश्किल नहीं है. भाजपा की सरकार ने 10 वर्षों में जो स्थिति बना दी है वह किसी से छुपी हुई नहीं है. जब सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ राजनीतिक भाजपा के एजेंडे में देश की आम जनता की जगह उद्योगपतियों-व्यवसायियों का हित प्राथमिकता बन जाए तो स्थिति ऐसी ही बनती है.

विदेश की सम्मानित एजेंसियों के डेटा में कैसे करोगे हेरफेर- JMM

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि "ग्लोबल हंगर इंडेक्स" में भारत को लेकर जो व्याख्या की गई है वह बिल्कुल सही है. क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रिपोर्टेड संस्थाओं के द्वारा तैयार कराई जाती है. उन्होंने कहा कि इसे झूठलाया नहीं जा सकता. आप अपने डेटा में हेरफेर करके अपने हिसाब से रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं परंतु विदेशी एजेंसियों के रिपोर्ट में कैसे हेर फेर कर सकते हैं. हकीकत यह है कि आज ग्लोबल हंगर इंडेक्स, काला धन, देश पर बढ़ता कर्ज का बोझ, सब एक सच्चाई है और केंद्र सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.

विदेशी एजेंसियां भ्रम फैलाती हैं- भाजपा

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट पर आक्रामक हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं को सलाह देने के स्वर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि विदेशी एजेंसी हमेशा भारत को लेकर भ्रम फैलाती रहती हैं. इसी तरह की एजेंसियां कुछ वर्ष पहले तक श्रीलंका को भारत से काफी बेहतर देश बताया करती थी, परंतु आज श्रीलंका किस हाल में है यह सब कोई जानता है. कुछ विदेशी एजेंसी अफगानिस्तान जैसे देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता को भारत से बेहतर बताती है परंतु हकीकत क्या है यह सब कोई जानता है.

बीजेपी नेता ने कहा कि इतना ही नहीं पड़ोसी राज्य पाकिस्तान में हंगर इंडेक्स को भारत से बेहतर बताने वाली विदेशी एजेंसियां सिर्फ भारत के विरोध में अपना एजेंडा चलाती है. विपक्षी दलों के नेताओं को इनसे सावधान रहने की जरूरत है. देश में कहीं भी भुखमरी जैसी समस्या नहीं है क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार ने 80 करोड लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की योजना चला रखी है. ऐसे में साफ है कि विदेशी एजेंसियां, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने के लिए इस तरह के षड्यंत्र रखती हैं. इससे सावधान रहने की जरूरत है.

क्या है इस वर्ष की ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में

2024 की वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की स्थिति थोड़े सुधार के साथ 105 वें स्थान पर है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में 127 में से भारत 105वें स्थान पर है. भारत का 105वें स्थान पर रहना यह बताता है कि देश में भूख से संबंधित गंभीर समस्याएं हैं. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अपने पड़ोसी देशों में पाकिस्तान को छोड़ अन्य देश जैसे नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार से भी पीछे है.

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