देहरादून: केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है. बीजेपी ने आशा नौटियाल को कांग्रेस के मनोज रावत के मुकाबले मैदान में उतारा है. आइए आपको बताते हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने जिसे अपना प्रत्याशी घोषित किया है, उनका अब तक का राजनीतिक सफर.
बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल का राजनीतिक सफर:आशा नौटियाल केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की एक लोकप्रिय महिला नेता हैं. जब 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य बना, तो तब अंतरिम सरकार बनी थी. उसके बाद 2002 में जब पहले विधानसभा चुनाव हुए, तो आशा नौटियाल उन 70 विधायकों में से एक थीं, जिन्होंने पहली बार में ही उत्तराखंड विधानसभा में प्रवेश किया था.
जिला पंचायत सदस्यता से शुरू हुआ राजनीतिक करियर:वैसे आशा नौटियाल का राजनीतिक जीवन जिला पंचायत की राजनीति से शुरू हुआ था. साल 1996 में आशा नौटियाल पहली बार पंचायत चुनाव के मैदान में उतरी थीं. ऊखीमठ वार्ड से वो निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थीं. आशा नौटियाल की इस सफलता ने उन्हें तब की देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नजरों में ला दिया था. जिला पंचायत सदस्य बनने के एक साल बाद ही यानी 1997-98 में आशा नौटियाल को बीजेपी ने जिला उपाध्यक्ष बना दिया. आशा ने इतना अच्छा काम किया कि उन्हें साल 1999 में उपाध्यक्ष से पदोन्नति देकर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष बना दिया गया.
2002 में पहली बार बनीं विधायक:पार्टी में अपने बढ़ते कद से उत्साहित आशा नौटियाल ने क्षेत्रीय जनता में अपनी और मजबूत पकड़ बना ली. इसका नतीजा ये रहा कि 2002 में जब उत्तराखंड में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए, तो बीजेपी ने आशा नौटियाल को केदारनाथ विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया. आशा नौटियाल ने भी अपनी पार्टी बीजेपी को निराश नहीं किया. दिलचस्प बात ये है कि शैलारानी रावत (अब दिवंगत) तब कांग्रेस की नेता हुआ करती थीं. आशा नौटियाल ने शैलारानी रावत को हराकर केदारनाथ विधानसभा सीट की पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया.
2007 में भी लहराया जीत का परचम: 2007 में जब उत्तराखंड विधानसभा के दूसरे चुनाव हुए, तो तब भी बीजेपी ने आशा नौटियाल पर ही विश्वास बनाए रखा. आशा नौटियाल ने इस बार भी पार्टी को निराश नहीं किया. इस बार कांग्रेस ने शैलारानी रावत की जगह कुंवर सिंह नेगी को टिकट दिया. लेकिन आशा नौटियाल ने कुंवर सिंह नेगी को भी हरा दिया.