चंडीगढ़: नगर निगम के मेयर चुनाव की तारीख घोषित हुए काफी दिन हो चुके हैं. 24 जनवरी को चंडीगढ़ को अपना नया मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर मिलेगा. इस साल मेयर पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है, जिसके चलते विभिन्न राजनीतिक दलों में महिला प्रत्याशियों को लेकर खींचतान तेज हो गई है. चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर बढ़ती राजनीति हलचल यह संकेत देती है कि इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प और रोमांचक होगा.
महिला उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला : भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच मेयर पद के लिए संघर्ष जारी है. भाजपा से हरप्रीत कौर बाबला, पूर्व मेयर सरबजीत कौर के नाम पर चर्चा तेज है. वहीं हरप्रीत कौर बाबला को उनके पति और भाजपा के उपाध्यक्ष देविंदर सिंह बाबला का समर्थन मिल रहा है. सूत्रों की मानें तो देविंदर सिंह बाबला चंडीगढ़ भाजपा पर जोर बनाए हुए हैं कि इस बार की मेयर की टिकट हरप्रीत कौर बाबला यानी उनकी पत्नी को दी जाए. फिलहाल 20 जनवरी को भाजपा की ओर से अपने उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी. वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेमलता, अंजुम कटियाल और जसविंदर कौर को दावेदार माना जा रहा है. सूत्रों की मानें तो प्रेमलता इस दौड़ में सबसे आगे हैं. वहीं कांग्रेस ने गठबंधन और समझौते के तहत आप के मेयर उम्मीदवार को समर्थन देने की ओर संकेत दिया है.
निगम में अभी इंडियन ब्लॉक की बढ़त : 35 सदस्यीय नगर निगम में इंडिया ब्लॉक यानी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के पास कुल 21 वोट हैं, जिसमें से 13 पार्षद आम आदमी पार्टी के हैं, वहीं 7 पार्षद कांग्रेस पार्टी के पास हैं. इसके साथ ही सांसद मनीष तिवारी का एक बड़ा वोट गठबंधन के साथ है. वहीं दूसरी और भाजपा के पास 15 वोट है.
चुनाव की तारीख को लेकर आप ने जताई आपत्ति : आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी एसएस अहलूवालिया ने 24 जनवरी को चुनाव कराने की अधिसूचना पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने रोक लगाया था कि भाजपा ने प्रशासन पर दबाव डालकर मेयर का कार्यकाल 11 महीने कर दिया, जबकि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का कार्यकाल 1 साल तक का होता है. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है, जिसकी सुनवाई 20 जनवरी को होगी.