अलवर: शहर के आर्य नगर में एक निजी स्कूल संचालक के घर पर लूट के मामले में पकड़े गए पांचों आरोपियों का पुलिस ने जुलूस निकाला. बाद में पुलिस उन्हें वारदात स्थल तक लेकर गई और घटना के पूरे सीन को रिक्रिएट करवाया गया.
सीओ सिटी अंगद शर्मा ने बताया कि आरोपियों में भय स्थापित करने और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम रखने के लिए पुलिस ने आरोपियों ने का जुलूस निकाला. यह जुलूस उसी मार्ग से निकाला गया, जिस मार्ग का आरोपियों ने इस्तेमाल किया था. बाद में पूरा सीन रिक्रिएट करवाया गया. शर्मा ने बताया कि पुलिस ने अपनी जांच के दौरान क्राइम सीन को लेकर जो पिक्चर बनाई थी, बिल्कुल उसी तरह आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया. आरोपियों के जुलूस के माध्यम से सभी चीजों उसी अनुरूप निकली.
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सीओ सिटी ने बताया कि घटना के बाद जब पहली बार पुलिस मौके पर पहुंची, उस दौरान भी घर का गेट खुला हुआ मिला. हालांकि घर पर मौजूद बुजुर्ग दंपती ने गेट खुला होने की बात से इनकार कर दिया. गेट कहीं से टूटा हुआ भी नहीं मिला. वारदात के दिन गेट खुला होने से आरोपी आासानी से घर के अंदर घुस गए और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए.
छह साल से काम कर रही थी नौकरानी:सीओ सिटी ने बताया कि अभी आरोपियों की तस्दीक नहीं हो पाई है, क्योंकि घटना के दौरान सभी नकाब पहने हुए थे. उन्होंने बताया कि जिस टैक्सी से सभी आरोपी अलवर पहुंचे, उस ड्राइवर को डिटेन करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिस मकान में यह घटना घटी है, वहां मां-बेटी दोनों करीब 6 साल से नौकरानी का काम कर रहे थे. हालांकि, इस घटना में मां का कोई रोल नहीं है. बता दें कि इस वारदात में पुलिस नौकरानी और उसके चार अन्य मित्रों का हाथ मानकर चल रही है.
पुलिस पर था पूरा विश्वास:पीड़ित व्यक्ति नीरज गर्ग ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास था कि पुलिस मामले को जल्द सुलझा लेगी. गर्ग ने पुलिस की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने इस मामले को सुलझाया है, उससे पूरे समाज में पुलिस के प्रति एक सकारात्मक संदेश गया है. पुलिस के प्रति आमजन का विश्वास बढ़ा है.