बोकारोः सात फेरों और सात वचनों के साथ पति-पत्नी का पावन रिश्ता सात जन्मों तक माना जाता है. लेकिन बोकारो जिला का ये वाकया रिश्ते में प्यार, दरार और नफरत का है. जहां पति है, पत्नी है और घर में है एक सौतन. घर में सौतन के आने के बाद जुल्म की ऐसी बानगी शुरू हुई कि क्या कहिए. ससुराल में जुल्म की शिकार महिला की आपबीती जानिए, इस पूरी खबर में.
बोकारो के सेक्टर 4 थाना क्षेत्र के सेक्टर 4 ई की आवास संख्या 1112, घर के बाहर बने 6/6 का छोटा सा कमरा, जिसके बाहर ताला और अंदर महीनों से कैद एक महिला. अब तक उसकी पुकार किसी ने नहीं सुनी, शायद रिश्तों और अपनों का डर और समाज का खौफ था. इसलिए महीनों तक उस कमरे में खुद को मोड़कर कैद कर लिया. आखिरकार मंगलवार को उसकी पुकार समाजसेवी की मदद से पुलिस प्रशासन तक पहुंची.
इस घटना की सूचना एक समाजसेवी महिला द्वारा सिटी डीएसपी अलोक रंजन को मामले की जानकारी दी गई. उन्होंने तत्परता दिखाते हुए सेक्टर 4 थाना और महिला थाना को महिला को रेस्क्यू करने और बंधक से निजात दिलाने का निर्देश दिया. पुलिस दलबल के साथ आवास में पहुंची, जहां महिला अपने ससुराल में बंधक बनी हुई थी. पुलिस जब घर पर पहुंची तो महिला का पति बाहर गया हुआ था और उसकी मां घर पर थी. जो घर के बाहर बने दुकान में बैठी थी और दुकान चला रही थी. पुलिस पदाधिकारी ने बुजुर्ग महिला से चाबी मांगी तो बुजुर्ग महिला ने देने से इनकार कर दिया.
पुलिस की टीम उस कमरे के पास पहुंची, महिला को जब आवाज दी गयी तो वो काफी डरी सहमी हुई, बाहर आने को तैयार भी नहीं हो रही थी. महिला समाजसेवी के द्वारा बार-बार आवाज देने के बाद कैद महिला को विश्वास दिलाया किया गया कि पुलिस उनकी मदद के लिए आई है. जब महिला को विश्वास हुआ तो गेट के सामने आकर फूट-फूटकर रोने लगी और रूंधे गले से आपबीती बनाई. गेट के अंदर से ही काफी देर तक समाजसेवी और महिला पुलिस ने महिला से बात की. इसके बाद गेट का ताला तोड़ा गया और महिला को बाहर निकाला गया.
जब महिला सामने आई तो ऐसा देखने से लग रहा था कि बंधक बनी महिला कई दिनों से खाना नहीं खाई है, जिससे वो कमजोर हो गई है. पुलिस ने जैसे जैसे तहकीकात किया तो पता चला की उसके पति की दो शादी हुई है और बंधक बनी महिला पहली पत्नी है,जिससे कोई संतान नहीं होने के कारण घरवालों ने लड़के का दूसरी शादी कर दिया. महिला का पति मूकबधिर है और सुन भी नही सकता है और दूसरी शादी की हुई पत्नी का भी यही हाल है.