पुलिस ने 72 घंटे में किया बरामद (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर) जयपुर. शहर के एयरपोर्ट थाने इलाके से 9 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. 72 घंटे के बाद गुरुवार को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर 9 महीने के मासूम बच्चे को सकुशल दस्तयाब कर लिया है. पुलिस ने बच्चों के अपहरण के मामले में आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दंपति रमेश और पायल को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने संतान की लालसा में मासूम बच्चे का अपहरण किया था.
डीसीपी ईस्ट कावेंद्र सिंह सागर के मुताबिक राजधानी जयपुर के एयरपोर्ट थाने इलाका स्थित दुर्गापुरा पुलिया के पास से 9 महीने के मासूम बच्चे का अपहरण हुआ था. मासूम बच्चा अपने माता-पिता के साथ खेल रहा था. अचानक से एक महिला आई और बच्चे का अपहरण कर ले गई. दिनदहाड़े हुई बच्चों की अपहरण की घटना के बाद पूरे जयपुर शहर में हड़कंप मच गया. बच्चे की तलाश में कमिश्नरेट की 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम को लगाया गया. पुलिसकर्मियों ने बच्चे की तलाश में 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले. लेकिन 72 घंटे तक बच्चे और अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. आखिरकार तकनीकी टीम और पारंपरिक पुलिसिंग की मदद से पुलिस को बच्चे के दौसा ले जाने की जानकारी मिली. पुलिस की टीम दौसा पहुंची और बच्चे का अपहरण करने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों से अपहरण किए गए 9 महीने के मासूम को सकुशल दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी जब्त किया है.
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संतान की लालसा में किया बच्चे का किडनैप :पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार दंपति रमेश और पायल के कोई भी बच्चा नहीं था. दोनों की शादी को 7 साल हो चुके थे. रमेश ने दो-दो शादियां कर रखी थी. पहली पत्नी के चार बेटियां थी. लेकिन बेटा नहीं था, बेटे की चाहत में रमेश ने नाता प्रथा से पायल से शादी कर ली. लेकिन पायल के भी 7 साल बीत जाने के बाद भी कोई भी लड़का नहीं हुआ. इतना ही नहीं रमेश ने आईवीएफ तकनीक से भी बच्चा करने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. ऐसे में बेटे की चाहत में रमेश और उसकी पत्नी पायल ने बच्चे का अपहरण करने का प्लान तैयार किया. योजना के तहत दोनों पति-पत्नी जयपुर के दुर्गापुरा आए. पुलिया के नीचे यहां पर कुछ बच्चे खेल रहे थे. 15 दिन तक पत्नी पायल ने रेकी की. कुछ बच्चों के मां-बाप से अपनी जान पहचान बनाई. मौका देखकर जैसे ही बच्चों से मां-बाप की नजर हटी, तो पायल और रमेश एक बच्चे का अपहरण कर बाइक पर ले गए. बच्चा चोरी करने के लिए रमेश ने बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी. ताकि पुलिस उसे पकड़ ना सके. रमेश अपने मंसूबे में कामयाब हो गया. जयपुर से बच्चे का किडनैप करके दोसा ले जाकर बच्चे को किराए के मकान में छुपा दिया.
पारंपरिक पुलिसिंग और तकनीकी टीम की मदद से रमेश और पायल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बेटे की लालच में अपनी खुशी के लिए रमेश और पायल ने जुर्म का रास्ता अख्तियार कर लिया और दूसरे की कोख से जन्मे बच्चे को उसकी मां से जुदाकर खुशियां छीनने का प्रयास किया. लेकिन दोनों अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए और सलाखों के पीछे पहुंच गए.