पटना:बिहार के पटना में अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. शिक्षा विभाग के फरमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया है. दरअसल 31 मार्च के बाद बिहार के 4257 अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने उनकी चुनावी ड्यूटी लगा दी है. इसको लेकर अतिथि शिक्षकों में नाराजगी है और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब सरकार ने सेवा मुक्त कर दिया है, तो वह कोई सरकारी काम क्यों करें.
हिरासत में लिए गए अतिथि शिक्षक पटना में अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज:अतिथि शिक्षकों को सरकार के द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है, जिसके बाद अतिथि शिक्षक आज राजधानी पटना में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे, जहां आर्थिक अपराध इकाई और सीबीआई कार्यालय के पास पुलिस ने सभी को रोक दिया. इस दौरान अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
महिला अतिथि शिक्षक को जबरन रोकते पुलिस कर्मी "तानाशाह सरकार को इलेक्शन में पता चलेगा. जैसे हम लोग रोड पर डंडा खा रहे हैं वैसे ही चुनाव में इस सरकार का हाल होगा. छह साल से मैं अकेला एक गेस्ट टीचर ड्यूटी दे रहा था. संकल्प 51 नहीं कर रहा कि मेरी सेवा समाप्त हो गई है. नियम के मुताबिक जब तक मेरे स्थान पर कोई नहीं आता सेवा समाप्त नहीं होगी."- सुनील कुमार झा, अतिथि शिक्षक
सीएम आवास का घेराव करने निकले थे शिक्षक:पुलिस ने सभी को वहां से हटा दिया है. बता दें कि 2018 से ही अतिथि शिक्षक प्लस टू के बच्चों को पढ़ा रहे थे. अचानक उन लोगों को बिहार सरकार के द्वारा नोटिस पर बर्खास्त कर दिया गया. जिसके बाद आज सैकड़ों की संख्या में सभी राजधानी पटना में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस के द्वारा उन पर लाठी चार्ज किया गया और उन्हें वहां से हटाया गया.
अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन नियुक्ति की मांग पर अड़े शिक्षक : अतिथि शिक्षकों का कहना है कि एक तो नौकरी नहीं मिल रही है और दूसरी तरफ सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. अतिथि शिक्षकों ने साफ तौर से बताया है कि हम लोगों को जल्द से जल्द नियुक्त किया जाए. इस दौरान महिला अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने हाथ पकड़कर रोकने की कोशिश भी की. वहीं कई अतिथि शिक्षकों को हिरासत में भी लिया गया है.
सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे सभी "आचार संहिता में एक तरफ सरकार हम लोगों को बर्खास्त कर रही है और दूसरी तरफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में हम लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. यह कहीं से जायज नहीं है.यूपी के शिक्षकों को रोजगार दिया जा रहा है और बिहार के शिक्षकों को बेरोजगार किया जा रहा है. "- अतिथि शिक्षक
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