पलामू: झारखंड के नक्सल इलाके में ग्रामीणों के विवाद के निपटारे के लिए पुलिस गांव स्तर पर ही पहल करेगी. ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि उनके विवाद का निपटारा स्थानीय स्तर पर ही हो जाए. नक्सल हिट इलाके में मौजूद पिकेट को आउटपोस्ट (ओपी) में अपग्रेड किया जाएगा.
पलामू, गढ़वा और लातेहार में नक्सल विरोधी अभियान के लिए 70 से अधिक पिकेट बनाए गए हैं. कई पिकेट स्थाई तौर पर कार्य कर रहे हैं जबकि कई अस्थाई तौर पर कार्य कर रहे हैं. तीनों जिलों के पिकेट को आउटपोस्ट में अपग्रेड करने के लिए पुलिस मुख्यालय के एक प्रस्ताव भेजा जा रहा है. यह प्रस्ताव पलामू, गढ़वा और लातेहार के एसपी के माध्यम से तैयार किया गया है और डीआईजी सभी की समीक्षा कर पुलिस मुख्यालय को भेजेंगे.
बूढापहाड के इलाके में ग्रामीणों को मिलेगी पुलिसिंग की सुविधा
नक्सलियों के ट्रेनिंग सेंटर रहे बूढ़ापहाड़ के इलाके में भी ग्रामीणों को पुलिसिंग की सुविधा देने के लिए पुलिस आउटपोस्ट की स्थापना की जाएगी. बिहार सीमा पर भी कई ऐसे पिकेट हैं जिनको चिन्हित किया गया है. पलामू के चक, ताल, कसमार, लठेया, पथरा, चांदो, हूटार, डगरा आदि को ओपी में अपग्रेड किया जाना है. बुढ़ापहाड़ इलाके में भी कई पिकेट को ओपी में अपग्रेड किया जाएगा.
"ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर पुलिसिंग की सुविधा मिले और उनके विवाद का निपटारा स्थानीय स्तर पर हो, इसी वजह से पिकेट को ओपी में अपग्रेड करने की योजना तैयार किया गया है."- वाईएस रमेश, डीआआईजी, पलामू
पिकेट से नक्सलियों के खिलाफ चलाया जाता है अभियान