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नोएडा: जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल तीन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट - GST fraud Noida chargesheet - GST FRAUD NOIDA CHARGESHEET

15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल तीन आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया है.

तीन आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया
तीन आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 28, 2024, 10:12 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:कागजों पर तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनी बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है. जिनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हुआ है उनकी पहचान दिल्ली के पंजाबी बांग निवासी संजय ढींगरा, संजय ढींगरा और मंयक ढींगरा के रूप में हुई है. जीएसटी फर्जीवाड़े में तीनों अभी भी जेल में हैं. सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं.

पुलिस ने दाखिल की 3600 पन्नों की चार्जशीट

एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि करीब 3600 पन्नों के आरोपपत्र में तीनों द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनी की विस्तृत जानकारी है. जिन खातों में फर्जी तरीके से आईटीसी लिया गया है और जो रकम खाते में आई है, उसके दस्तावेज भी आरोपपत्र के साथ नत्थी किए गए हैं. इस मामले में 46 आरोपियों के खिलाफ अब तक आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और 49 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. नोएडा पुलिस के प्रभावी पैरवी के चलते किसी भी आरोपी को अभी तक जमानत नहीं मिल सकी है. कई अन्य आरोपी भी पुलिस के रडार पर हैं.

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जीएसटी फर्जीवाड़े में कई अरबपति कारोबारियों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा जीएसटी प्रकरण में ही सेक्टर-20 पुलिस ने दिल्ली के वजीराबाद निवासी पुनीत और रोहिणी निवासी संजय गर्ग के घर पर कुर्की की कार्रवाई रविवार को की है. दोनों की संपत्ति को कुर्क कर पुलिस थाने पर ले आई है. जल्द ही अन्य आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने की बात कही जा रही है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति की पहचान कर ली गई है. न्यायालय का आदेश मिलने ही इन आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी.

ऐसे करते थे ठगी

आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल कर उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे. इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था. इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर और फर्जी बिल बनाकर रिफंड ले लेते थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता था. ठगों फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ बेचते भी थे. इन कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किया जा रहा था. गिरोह में शामिल इनामी सहित कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं. कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है.

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