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पौने दो साल बाद भी मां-बेटियों को नहीं तलाश पाई पुलिस, हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को किया तलब - JABALPUR HIGH COURT

जबलपुर हाईकोर्ट ने महिला और उसकी दो नाबालिग बेटियों के लापता होने के पौने दो साल बाद तक उनको तलाश नहीं कर पाने पर सीएसपी बरगी तथा विवेचना अधिकारी को समन जारी किया है.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाईकोर्ट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 21 hours ago

जबलपुर:एक महिला ने दामाद पर बेटी तथा उसके बच्चों को बेचने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. पौने दो साल का समय गुजर जाने के बावजूद पुलिस लापता मां व बच्चों की तलाश नहीं कर पाई है. मामले में जस्टिस एसए धर्माधिकारी तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की पीठ ने सीएसपी बरगी तथा विवेचना अधिकारी को तलब किया है. मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को निर्धारित की गई है.

याचिकाकर्ता महिला ने कहा है कि उनकी बेटी और नातिन अप्रैल 2023 से लापता हैं

जबलपुर के शहपुरा थानान्तर्गत रायखेड़ा निवासी सिम्मी बाई ने याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी शीला का विवाह दिलीप चौधरी से हुआ था. उनकी बेटी की दो नाबालिग बेटियों भी थीं. बेटी और दोनों बच्चे अप्रैल 2023 से लापता हैं जिसकी रिपोर्ट शहपुरा थाने में दर्ज करवाई गई थी.

याचिका में कहा गया था कि उनके दामाद ने अपनी मौसी कविता चौधरी के साथ मिलकर उनकी बेटी तथा नाबालिग नातिनों को बेच दिया है. शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद पुलिस अभी तक उनके संबंध में कोई सुराग नहीं लगा पाई है.

पुलिस की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि लापता मां-बच्चों का नहीं मिल सका है कोई सुराग

पूर्व में हुई याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि पुलिस याचिकाकर्ता महिला पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वापस लेने का दबाव बना रही है. सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से बताया गया कि लापता मां-बच्चों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनपी राठौर ने युगलपीठ को बताया "मां-बच्चे महाराष्ट्र से लापता हुए हैं और पुलिस उनकी तलाश कर्नाटक में कर रही है. पुलिस गलत दिशा में जांच कर रही है." वहीं पुलिस के अनुसार मां-बच्चे कर्नाटक से लापता हुए हैं.

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