नई दिल्ली/नोएडा :कनाडा और सर्बिया सहित अन्य देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर सेक्टर-63 थाने की टीम ने सरगना सहित नौ आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं. बीते ढाई साल से ठगी का ये कॉल सेंटर थानाक्षेत्र के ई ब्लॉक में संचालित हो रहा था. कॉल सेंटर से अबतक 300 से अधिक लोगों के साथ ठगी की गई है. डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया है. वर्किंग वीजा दिलाने और नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख से 15 लाख रुपये की डील आरोपियों द्वारा की जाती थी.
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों साइबर हेल्प डेस्क को जानकारी मिली कि सेक्टर-63 के ई ब्लॉक में संचालित बियांड स्पार्क ओवरसीज कॉल सेंटर से विदेश भेजने के नाम पर लोगों से व्यापक स्तर पर ठगी हो रही है. पहली शिकायत केरल निवासी प्रमोद राघवन ने की. इसके बाद करीब 15 अन्य पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया.
पीड़ितों की शिकायत पर कॉल सेंटर पर मारा
पीड़ितों की शिकायत पर साइबर विशेषज्ञ और पुलिस टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा. पुलिस ने छह महिला और तीन पुरुष सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्त में आए आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के कवि नगर निवासी पंकज कुमार, मनप्रीत कौर, बुलंदशहर के खुर्जा निवासी सोनू कुमार, प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी राहुल सरोज, मथुरा निवासी प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिल्ली निवासी दीपाली, नोएडा के सेक्टर-121 निवासी महिमा अग्रवाल, सेक्टर-34 निवासी ममता यादव और फिरोजाबाद निवासी तनिष्का शर्मा के रूप में हुई है.
पंकज कुमार कॉल सेंटर के निदेशक
पंकज कुमार और उनकी पत्नी मनप्रीत कौर कॉल सेंटर की निदेशक हैं. कॉल सेंटर से पुलिस ने 24 लैपटॉप, एक एप्पल टैब, एक सीपीयू, स्वाइप मशीन, तीन पेमेंट क्यूआर कोड और दस मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद हुए. निदेशक के खाते को पुलिस फ्रीज कराने का प्रयास कर रही है. एडिशनल डीसीपी ह्द्रेश कठेरिया ने बताया कि छापेमारी के दौरान जैसे ही पुलिस की टीम अंदर पहुंची, वहां मौजूद सोनू कुमार ने बताया कि वह कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. वह निदेशक पंकज और मनप्रीत कौर के कहने पर फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि से ऐसे लोगों का डाटा निकालता है, जो विदेश में जाकर नौकरी करना चाहते हैं. उसके बाद कंपनी की सेल्स टीम में बैठे लोग कॉल व वाट्सएप चैटिंग के माध्यम से विभिन्न देशों जैसे कनाडा, सर्बिया आदि में स्टोर कीपर, स्टोर सुपरवाइजर, एडमिन आदि पदों पर नौकरी दिलवाने की बात कहते हैं. इसके लिए इच्छुक लोगों से पैसे की मांग की जाती है. दिन भर में करीब 50 लोगों को कॉल की जाती है. रोजाना कोई न कोई व्यक्ति आरोपियों के जाल में फंस जाता है.
पुलिस ने उठाई पीड़ित की कॉल
छापेमारी के दौरान एक मेज पर लैपटॉप रखा था, जिसमें व्हाट्सऐप खुला हुआ था. वाट्सएप पर कॉल आ रही थी. कॉल करने वाले व्यक्ति से पुलिस ने बात की तो उसने अपना नाम मोहम्मद युनूस निवासी श्रीनगर बताया. उसने बताया कि इन लोगों ने उसके और उसके आठ साथियों के साथ विदेश भेजने के नाम पर ठगी की है. काफी समय से युनूस और उसके साथी कंपनी के निदेशक से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं, पर रकम वापस मिलने की जगह उल्टा पीड़ित को ही धमकाया जा रहा है.