धौलपुर. सरमथुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले एक अधेड़ सटोरिए की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई कर दी. अधेड़ ने एसपी को शिकायत देकर थाना प्रभारी पर नशे में धुत होकर बिजली की केबल और पट्टे से मारपीट का आरोप लगाया गया है. पीड़ित ने थाना प्रभारी पर सट्टे के लिए 50 हजार रुपए प्रति माह मांगने का भी आरोप लगाया है.
एसपी ऑफिस में शिकायत लेकर पहुंचे अधेड़ विजय सिंह सिकरवार ने बताया कि 8 मई को थाने के कांस्टेबल नरसी और कांस्टेबल चालक शिवकुमार उसे किराने की दुकान से जबरन अपने साथ थाने ले गए. जहां थाने में नशे में धुत बैठे थाना प्रभारी गौरव कुमार ने अधेड़ से सट्टे का कारोबार चलाने की एवज में 50 हजार रुपए प्रति माह मांगे. जिस पर अधेड़ ने सट्टे का कारोबार ना करने की बात कही. पीड़ित ने आरोप लगाते हुए बताया कि पैसे ना देने पर थाना प्रभारी ने कांस्टेबल के साथ मिलकर बिजली की केबल और पट्टे से उसके साथ बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी. जिसके बाद जब पीड़ित की पत्नी उसे छुड़ाने के लिए थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने पीड़ित की पत्नी से भी बदतमीजी कर दी.
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पीड़ित ने बताया कि मारपीट करने के बाद 9 तारीख को उससे सट्टे की पर्चियां लिखवाई गई, जिसके बाद उसे सट्टे के मामले में बंद कर छोड़ा गया. पीड़ित ने बताया कि थाने से छूटने के बाद वह इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गया, जहां से छुट्टी मिलने के बाद उसने एसपी को शिकायत दी है. मामले को लेकर एसपी सुमित मेहरड़ा ने बताया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ पूर्व में सट्टे के कई मामले दर्ज हैं. शिकायतकर्ता द्वारा थाना प्रभारी पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसको लेकर जांच कराई जा रही है.
थाना प्रभारी बोले- आरोप झूठे : उधर मामले को लेकर सरमथुरा थाना प्रभारी गौरव कुमार ने बताया कि अधेड़ सट्टे का कारोबार करता है, जिसके खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं. आरोपी के खिलाफ सट्टे को लेकर कार्रवाई की गई थी. मुकदमा में आरोपी को रिकॉर्डली बंद कर जमानत पर छोड़ा था. आरोपी के खिलाफ किसी भी प्रकार की अमानवीय यातनाएं नहीं दी गई है. आरोपी को सिर्फ कानूनी प्रक्रिया के तहत बंद किया गया था. आरोपी द्वारा मारपीट के लगाए गए आरोप बेबुनियाद निराधार एवं सरासर झूठ हैं.