रांची:साल 2025 अफीम तस्करों के लिए आफत बन कर आया है. सालों साल तक केवल अफीम की खेती को बर्बाद करने वाली पुलिस, अब अफीम किसानों को सीधे जेल भेज रही है. आलम यह है कि अब अफीम की खेती करने वाले ग्राम प्रधान जेल जा रहे हैं. वहीं, अफीम को लेकर जो थानेदार एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे हैं, उनपर निलंबन का खतरा मंडरा रहा है.
डीजीपी ने अफीम को लेकर एफआईआर नहीं करने वाले थानेदारों को सस्पेंड करने का निर्देश जारी कर दिया है. पिछले 15 दिनों के भीतर अफीम प्रभावित जिलों से एक दर्जन से ज्यादा अफीम किसानों को गिरफ्तार किया गया है. खूंटी में तो एक ग्राम प्रधान ही अफीम की खेती करवा रहा था. सूचना मिलने पर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
जानकारी देते झारखंड डीजीपी (ETV BHARAT) पहले सिर्फ होता था खानापूर्ति
दरअसल, झारखंड में साल 2025 से पहले अफीम की फसल को नष्ट करने के लिए सिर्फ खानापूर्ति किया जाता था. न अफीम तस्कर गिरफ्तार होते थे न ही अफीम की खेती करने वाले किसान. किसानों पर एफआईआर भी ना के बराबर होती थी. यहां तक कि अफीम की फसल को तैयार होने के बाद भी नष्ट नहीं किया जाता था.
अब इसके ठीक उलट इस वर्ष जनवरी में ही पूरे झारखंड में लगभग 1600 एकड़ में लगी अफीम की फसल को पौधे की शक्ल लेने से पहले ही नष्ट कर दिया गया है और जो किसान अफीम की खेती करवा रहे थे उन्हें गिरफ्तार किया गया है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान तक को अफीम की खेती करने के आरोप में जेल भेजा गया है. यह वैसे ग्रामीणों के लिए चेतावनी है, जो अफीम की खेती करते हैं.
थानेदारों को दी गई चेतावनी
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि वैसे तमाम थानेदार जिनके थाना क्षेत्र में अफीम की खेती की गई है उन्हें बेहद साफ शब्दों में यह निर्देश दिया गया है कि हर कृषक जिसकी जमीन पर अफीम उगाई गई है उसपर एफआईआर दर्ज करें. एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले थानेदारों पर सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.
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