हैदराबाद: ग्रामीण इलाकों में कई बार लोग अंधविश्वास और जानकारी कम होने की वजह से मौत का शिकार हो जाते हैं. लोगों को यह पता नहीं चल पाता है कि व्यक्ति को किस सांप ने डंसा है. सभी सांपों के काटने का निशान थोड़ा अलग होता है और इसका असर भी शरीर के अलग-अलग अंगों पर पड़ता है.
सांपों का रेस्क्यू करने वाले मनीष बख्शी बताते हैं कि वैसे तो झारखंड में करीब 30 प्रकार के सांप पाए जाते हैं, लेकिन इसमें 3 सांप ही सबसे ज्यादा जहरीला होते हैं. इनमें कोबरा जिसे आम तौर पर गेहुअन कहते हैं, रसल वाइपर और करैत हैं. ये तीनों सांप अगर किसी को काटे तो उन्हें तुरंत ही इलाज की जरुरत पड़ती है. इस मामले में अगर कोई देरी करता है तो उसकी जान भी जा सकती है.
सूडो बाइट भी करता है कोबरा
जहरीले सांपों में सबसे पहले बात कोबरा की. कोबरा के बारे में सांपों के विशेषज्ञ मनीष बख्शी का कहना है कि यह सबसे ज्यादा एक्टिव सांप होता है. कोबरा किसी व्यक्ति को काटता है तो अपने दांतों का निशान उस जगह पर छोड़ देता है. कोबरा कभी-कभी सूडो बाइट (pseudo bite) भी करता है. यह जरूरी नहीं कोबरा पहले ही हमले में शिकार के शरीर में जहर छोड़े. यह चेताने के लिए कई बार पहले हमला तो करता है लेकिन अपने विष डंक शरीर में नहीं गड़ाता. इसे ही सूडो बाइट कहते हैं.
कोबरा के काटने पर जा सकती है जान
सांपों के विशेषज्ञ मनीष बख्शी बताते हैं कि आम तौर पर कोबरा यानि गेहुअन के काटते ही उस स्थान पर त्वतचा का रंग बदलने लगता है. जहां सांप ने काटा है वहां सूजन होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर में कमजोरी होने लगती है और शरीर शिथिल पड़ने लगता है. सांप काटे हुए व्यक्ति की आंखों झपकने लगती है और मुंह से लार गिरना शुरू हो जाता है. शरीर से पसीना निकलने लगता है और सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है. जान जोखिम में पाकर कोबरा कई बार शिकार के शरीर में काफी अधिक मात्रा में जहर छोड़ता है. यही कारण है कि कुछ मामलों में कोबरा के शिकार की जान बचाने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिलता. कोबरा कई बार शिकार के शरीर में ज्यादा जहर छोड़ देता है जिससे व्यक्ति को बचाने के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता.
नर्वस सिस्टम पर असर डालता है कोबराटॉक्सिन
मनीष बताते है कि हर सांप में अलग-अलग तरह का जहर पाया जाता है. कोबरा में जो जहर होता है कि उसे कोबराटॉक्सिन कहते हैं. यह जहर न्यूरोचॉक्सिन का ही एक प्रकार है जो शरीर के नर्वस सिस्टम पर हमला करता है. कोबरा का जहर जैसे ही शरीर के अंदर जाता और नर्वस सिस्टम पर हमला करता तो शरीर लकवाग्रस्त होने लगता है. कई विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि कई मामलों में विशेषज्ञों का कहना है कि यह अपनी क्षमता के अनुसार जहर छोड़ता है. शरीर में जहर की मात्रा कम गई है तो व्यक्ति को समय रहते बचाया जा सकता है.
दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से एक है करैत
सांपों के विशेषज्ञ मनीष बताते हैं कि करैत सांप भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के टॉप-10 जहरीले सांपों में शामिल हैं. इस सांप के भी कई प्रजाती हैं. यह सांप दिन के समय यह छिपा रहता है और मुख्यतः रात के समय ही शिकार पर निकलता है. करैत ठंडे खून वाला सांप है और गर्मी पाने के लिए कई बार यह घरों में घुस जाता है. करैत की सबसे खास बात यह है कि इसका विष दंत सूई की तरह बेहद पतला और छोटा होता है. करैत के डंसने पर व्यक्ति को तेज दर्द नहीं होता. कई बार करैत के काटते पर पता ही नहीं चलता कि सांप ने डंसा है. कई बार करैत के शिकार व्यक्ति की नींद में ही मौत हो जाती है.
करैत का जहर न्यूरोट्रांसमीटर ब्रेक कर देता है