सिरमौर:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 25 वर्षों के बाद शुक्रवार को नाहन में पहुंचेंगे. 24 मई को वह यहां के चौगान मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं. इससे पहले वह वर्ष 1999 में हिमाचल प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते यहां आए थे, लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी पहली बार जिला मुख्यालय नाहन में आ रहे हैं.
चौगान मैदान में आने वाले नरेंद्र मोदी देश के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे. ऐसे में उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी नाहन से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को भी जनसभा के दौरान ताजा कर सकते हैं. इससे पहले यहां 80-90 के दशक में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व स्व. चंद्रशेखर भी आ चुके हैं.
किसे कहते हैं चौगान:
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है. यहां पर चौगान ऐसे मैदान को कहते हैं जिसके चार कोने हों. हिमाचल में चंबा और नाहन का चौगान लोकप्रिय हैं. नाहन का चौगान मैदान कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है. रियासतकाल में यहां राजाओं के हाथियों के बीच जंग होती थी. इसके अलावा सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह यहां पर रियासत के महाराजा मेधनी प्रकाश के बुलावे पर आए थे और चौगान मैदान में उन्होंने डेरा डाला था. सिरमौर रियासत के अंतिम महाराजा राजेंद्र प्रकाश का 1933 में राजतिलक का गवाह चौगान बना. कहते हैं कि राजतिलक का जश्न इतना शानदार था कि राजतिलक के मौके पर डकोटा प्लेन से चौगान के ऊपर फूलों की वर्षा की गई थी. जंगे आजादी के बाद 1947 में सिरमौर रियासत का भारतीय संघ में विलय भी चौगान में ही हुआ. यहां देश के पहले गृहमंत्री लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के दूत आचार्य कृपलानी रियासत में पहुंचे, तो पहले दिन राजमहल में महाराजा को सरकार वल्लभ भाई पटेल का निर्देश सुनाया और भारतीय संघ में विलय के लिए मर्ज डीड पर हस्ताक्षर करने को कहा. इसके अगले दिन चौगान में हजारों रियासत के लोगों के बीच महाराजा राजेंद्र प्रकाश ने मर्ज डीड पर हस्ताक्षर किए.
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जानकारी के मुताबिक 4 अगस्त 1984 को स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चौगान में जनसभा को संबोधित किया था. वहीं, दिवंगत प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भी 1991 में चौगान मैदान में जनसभा की थी. इस दौरान उप प्रधानमंत्री के तौर पर स्व. देवी लाल भी आए थे. साल 1991 के बाद चौगान मैदान में अब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में आएंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले 1999 में राष्ट्रीय महासचिव होने के दौरान नरेंद्र मोदी ने नाहन के बड़ा चौक में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया था. इसके बाद कालाअंब के होटल ब्लैक मैंगो में गुज्जर समुदाय को संबोधित किया था. साल 1999 में भाजपा का शिमला संसदीय क्षेत्र में हिविकां से गठबंधन हुआ था. नरेंद्र मोदी ने हिविकां गठबंधन के प्रत्याशी कर्नल धनीराम शांडिल के पक्ष में प्रचार किया था. शांडिल वर्तमान में सुक्खू सरकार में मंत्री हैं. 57.78 प्रतिशत वोट हासिल कर शांडिल ने चुनाव जीता था, जबकि मुसाफिर हार गए थे.