वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अटैक मोड में दिखे. वे संत रविदास की जन्म जयंती के अवसर पर रैदासियों को संबोधित कर रहे थे. ये पीएम मोदी का तीसरा मौका था जब वे सीर गोवर्धनपुर पहुंचकर रैदासियों के बीच में थे. इस दौरान उन्होंने I.N.D.I गठबंधन को निशाने पर लिया और जमकर खरीखोटी सुनाई. कहा कि हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले इंडी गठबंधन के लोग दलित, वंचित की हित की योजनाओं का विरोध करते हैं. परिवारवादी पार्टियों की एक और पहचान है, ये अपने परिवार से बाहर किसी भी दलित-आदिवासी को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं.
काशी से सांसद पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही लगभग 100 करोड़ की योजनाओं-परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाए गए इंडी गठबंधन पर जमकर हमला बोला. कहा कि ये लोग दलितों और आदिवासियों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि हमारी सरकार जब भी दलितों के लिए कोई योजना लेकर आई, इन लोगों ने खूब मजाक बनाया था. यहां तक कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहीं द्रौपदी मुर्मु का भी विरोध किया था.
जाति के नाम पर उकसाने और लड़ाने वाला इंडी गठबंधन
प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जात-पात के नाम पर जब कोई किसी के साथ भेदभाव करता है तो वह मानवता का नुकसान करता है. अगर कोई जात-पात के नाम पर किसी को भड़काता है तो वह भी मानवता का नुकसान करता है. आज देश के हर गरीब को, हर पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है. हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले इंडी गठबंधन के लोग दलित, वंचित की हित की योजनाओं का विरोध करते हैं. सच्चाई ये है कि ये लोग जाति की भलाई के नाम पर अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं. आपको याद होगा गरीबों के लिए शौचालय बनाने की शुरुआत हुई थी तो इन लोगों ने इसका भी मजाक उड़ाया था.
इंडी गठबंधन ने योजनाओं का उड़ाया मजाक
पीएम ने कहा कि इंडी गठबंधन के लोगों ने जन-धन खातों का भी मजाक उड़ाया था. इन्होंने डिजिटल इंडिया का विरोध किया था. इतना ही नहीं परिवारवादी पार्टियों की एक और पहचान है, ये अपने परिवार से बाहर किसी भी दलित-आदिवासी को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं. दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं होता है. आपको याद होगा जब देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने के लिए महामहिम द्रौपदी मुर्मु चुनाव लड़ रही थीं तो किन-किन लोगों ने उनका विरोध किया था. किन-किन पार्टियों ने उन्हें हराने के लिए सियासी लामबंदी की थी. वे सब की सब यही परिवारवादी पार्टियां ही थीं. जिन्हें चुनाव के समय दलित, पिछड़ा और आदिवासी अपना वोट बैंक नजर आने लगता है.
जातिवाद की नकारात्मकता से बचना है
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इन लोगों से, इस तरह की सोच से सावधान रहना है. हमें जातिवाद की नकारात्मक मानसिकता से बचना है. रविदास जी की सकारात्मक शिक्षाओं का पालन करना है. रविदास जी कहते थे सौ बरस लौं जगत मंहि, जीवत रहि करू काम. रैदास करम ही धरम हैं, करम करहु निहकाम. अर्थात 100 वर्ष का जीवन हो तो भी पूरे जीवन हमें काम करना चाहिेए क्योंकि कर्म ही धर्म है. हमें निष्कामम भाव से कर्म करना चाहिए. संत रविदास जी की ये शिक्षा आज पूरे देश के लिए है. देश इस समय आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है.
140 करोड़ देशवासियों की भागीदारी से होगा विकास
पिछले वर्षों में अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखी जा चुकी है. अब अगले पांच साल हमें इस नींव पर विकास की इमारत को और ऊंचाई देनी है. गरीब, वंचित की सेवा के लिए जो अभियान दस वर्षों में चले हैं. अगले पांच वर्षों में उन्हें और भी अधिक विस्तार मिलना है. ये सब 140 करोड़ देशवासियों की भागीदारी से ही होगा. इसलिए ये जरूरी है कि देश का हर नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करे. हमें देश के बारे में सोचना है. हमें तोड़ने वाले, बांटने वाले विचारों से दूर रहना है. देश की एकता को मजबूत करना है. मुझे विश्वास है कि संत रविदास जी की कृपा से देशवासियों के सपने जरूर साकार होंगे.
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